गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर ,हिंदुस्तान के कोने कोने में आज गणपति बप्पा मोरया की धूम है, लेकिन हममें से बहुत से लोगों को यह नहीं मालूम गणपति बप्पा मोरया का मतलब क्या है l

लोग अपने अपने तरीके से गणेश जी को अष्टविनायक ,विघ्न विनाशक, मंगल मूर्ति कह कर पुकारते हैं l यह कहानी बहुत पुरानी है आज से लगभग 800 साल पूर्व 14 वीं शताब्दी में मोरया गोसावी नाम के संत हुआ करते थे l पुणे के पास मोर गांव के रहने वाले गोसावी भगवान गणेश के अतुलनीय भक्त थेl मोर गांव मोर उसे समृद्ध गांव था इसी वजह से उसका नाम भी मोरगांव पड़ा यहां गणेश जी की एक सिद्ध प्रतिमा भी है जिसे मयूरेश्वर के नाम से जाना जाता है l

मोरया गोसावी ने मोरगांव में ही भगवान गणेश की तपस्या भी की , चिंचवड नामक जगह पर उन्होंने गणेश जी के मंदिर की स्थापना की और वहां पर संजीवन समाधि ग्रहण की जो कि आज भी मौजूद है l

ऐसे उनका नाम गणेश जी के उपासक के रूप में मशहूर हो गया और उनकी अतुलनीय भक्ति और उपासना को देखकर धीरे-धीरे उनका नाम गणपति बप्पा के साथ जोड़ा जाने लगा जिसे आज हम हर्षोल्लास से भक्ति भाव से गणपति बप्पा मोरया कहते हैं l

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed

लखनऊ लोक सभा चुनाव के मद्देनजर पुलिसकर्मियों की स्थानांतरण नीति जारी 31 मई 2024 तक 3 वर्ष पूरे कर चुके पुलिस कर्मियों का होगा तबादला 31 मई 2022 से पूर्व विधानसभा चुनाव क्षेत्र में नियुक्त रह चुके कर्मियों का भी होगा तबादला 31 मई 2024 तक सेवानिवृत होने वाले पुलिस कर्मियों का नहीं होगा तबादला मई 2024 तक सेवानिवृत होने वाले पुलिसकर्मियों की नहीं लगेगी चुनाव ड्यूटी निरीक्षक या उप निरीक्षक की राजनीतिक दल की पूर्वाग्रह की शिकायत पर भी होगा तबादला DGP के निर्देश पर एडीजी स्थापना ने जारी किया आदेश एक ही जिले में 3 साल पूरे कर चुके पुलिस कर्मियों के होंगे ट्रांसफर डीजीपी मुख्यालय से आदेश जारी हुआ