ऑपरेशन कन्विक्शन: मां बाप के कातिल बेटे अधिवक्ता को कोर्ट ने सुनाई मृत्युदंड की सजा
बरेली, 30 जनवरी। यूपी के बरेली में एक अधिवक्ता को कोर्ट ने मृत्यु दण्ड की सजा सुनाई है। 2020 में अधिवक्ता ने अपने मां बाप की हत्या की थी। प्रॉपर्टी के लालच में बेटे ने अपने मां बाप को मौत के घाट उतार दिया। जिस मां ने 9 महीने अपनी कोख में रखा, जिस पिता ने अंगुली पकड़कर चलना सिखाया और वकील बनाया उसने ही अपने मां बाप का कत्ल कर डाला।
जनपद न्यायालय से पुलिस हिरासत में जेल जाते हुए यही वो कातिल अधिवक्ता दुर्वेश कुमार है जिसने अपने मां बाप की हत्या की थी। कोर्ट ने आज इसे फांसी की सजा सुनाई है। ऑपरेशन कन्विक्शन अभियान के तहत सनसनीखेज वारदात में पुलिस प्रशासन द्वारा प्रभावी पैरवी करते हुए आरोपी को कोर्ट द्वारा सख्त सजा सुनाई गई।
बरेली के मीरगंज के बहरोली गांव में 13 अक्टूबर 2020 को दुर्वेश कुमार ने प्रॉपर्टी के लालच में आकर अपनी पहले अपने पिता लालता प्रसाद फिर अपनी मां मोहन देवी की गोली मारकर निर्मम हत्या की थी। दुर्वेश के भाई उमेश कुमार जब अपनी पत्नी के साथ अपने मां बाप को चाय देने के लिए का रहे थे उस दौरान उन्होंने गोली की तेज आवाज सुनी। वो जैसे ही दौड़कर मां बाप के पास पहुंचे तो देखा उनका भाई दुर्वेश अपने पिता के शव को खींचकर कमरे में ले जा रहा था, जिसके बाद उसने अपने भाई के सामने ही मां को भी गोली मार दी और फिर वो हाथ में हथियार लहराता हुआ फरार हो गया।
उमेश ने फौरन पुलिस की सूचना दी और मीरगंज थाने में भाई के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जिसके बाद से आज तक आरोपी जेल में ही बंद है। इस जिला शासकीय अधिवक्ता लोक अभियोजक सुनीति कुमार पाठक ने इस मामले में प्रभावी पैरवी की। इसके बाद साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने आज फांसी की सजा सुनाई है। सुनीति कुमार पाठक ने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने मीरगंज के चर्चित प्रकरण जिसमें हत्यारे दुर्वेश ने अपनी मां मोहन देवी और पिता लालता प्रसाद की हत्या कर दी थी। मंगलवार को मृत्यु दंड की सजा सुनाई गई है। अपर सत्र न्यायाधीश के यहां इस केस की पैरवी उनके निर्देश पर अधिवक्ता सुनील कुमार पांडेय कर रहे थे। वह भी लगातार इस केस पर नजर बनाए हुए थे।
इस मामले में एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान ने बताया की ऑपरेशन कन्विक्शन अभियान के तहत इस मामले में पुलिस द्वारा सभी सबूतों को जुटाकर कोर्ट में पेश किए जिस वजह से आरोपी को आज मृत्युदंड की सजा सुनाई गई और दस हजार का अर्थदंड भी लगाया गया है।