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संयुक्त अरब अमीरात में पहला हिंदू मंदिर बनकर तैयार, PM मोदी के किया उद्घाटन

संयुक्त अरब अमीरात में पहला हिंदू मंदिर बनकर तैयार, PM मोदी के किया उद्घाटन

दिल्ली, 14 फरवरी। दुनियाभर में सनातन धर्म का दबदबा बढ़ता ही जा रहा है। संयुक्त अरब अमीरात में पहला हिंदू मंदिर बनकर तैयार हो चुका है। जिसका आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया। भगवान स्वामीनारायण मंदिर का पीएम मोदी ने आज बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर उद्घाटन किया। आज जिस वक्त मोदी मंदिर का उद्घाटन कर रहे थे उस दौरान सबकी निगाहें टीवी पर थी।

कौन है भगवान स्वामीनारायण, कहा हुआ जन्म?

उनके पिता हरिप्रसाद व माता भक्तिदेवी ने उनका नाम घनश्याम पांडेय रखा था। घनश्याम के पैर में कमल का चिन्ह देखकर ज्योतिषियों ने कह दिया कि ये बालक लाखों लोगों के जीवन को सही दिशा देगा। और लोग उन्हें भगवान विष्णु का अवतार मानने लगे। कम उम्र में ही उन्हें वेद पुराणों का ज्ञान हो गया।

बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण (बीएपीएस संस्था) संयुक्त अरब अमीरात में पहला हिंदू मंदिर है। यह मंदिर भगवान स्वामीनारायण को समर्पित है। स्वामीनारायण जी का मंदिर भारत और अबूधाबी के अलावा दुनियाभर के कई देशों में बना हुआ है, जहां भगवान स्वामीनारायण को परब्रह्म मानकर उनकी उपासना की जाती है। अबूधाबी के पहले हिंदू मंदिर का आज यानी 14 फरवरी को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया।

 

हिंदू धर्म में कई संप्रदाय हैं, जिसमें से एक संप्रदाय है स्वामीनारायण संप्रदाय। इस संप्रदाय के संस्थापक भगवान स्वामीनारायण थे, जिनका जन्म 3 अप्रैल 1781 को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में हुआ था। स्वामीनारायण जी को सहजानंद स्वामी के नाम से भी जाना जाता है।

5 साल की उम्र में उन्होंने अध्ययन शुरू कर दी थी। वहीं 8 साल में जनेऊ संस्कार होते ही, उन्होंने शास्त्रों का अध्ययन करना शुरू कर दिया। ऐसा कहा जाता है कि बहुत कम समय में उन्होंने कई शास्त्रों का अध्ययन कर लिया था। अल्पायु में ही वे घर छोड़कर देश भ्रमण पर निकल गए। भ्रमण के दौरान वे लोगों से मिलते, सत्संग करते और प्रवचन देते। उनकी ख्याति तेजी से फैलने लगी और उनके अनुयायियों की संख्या बढ़ने लगी।

जगह-जगह ज्ञान और अध्यात्म की अलख जगाने के दौरान वे गुजरात पहुंचे और यहीं से उन्होंने स्वामीनारायण संप्रदाय की स्थापना की। स्वामीनारायण संप्रदाय और इस संप्रदाय के अनुयायियों के जरिए उन्होंने समाज में फैली कई कुरीतियों को दूर करने में अपना योगदान दिया। उन्होंने विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं में राहत कार्य भी चलाए।

भगवान स्वामीनारायण ने अपने शिष्यों को दार्शनिक सिद्धांतों, नैतिक मूल्यों, अनुष्ठान आदि की शिक्षा दी। स्वामीनारायण संप्रदाय में कई गुरु हुए, जिन्होंने भगवान स्वामीनारायण की आध्यात्मिक विरासत को आगे बढ़ाया। वहीं भगवान स्वामीनारायण के तीसरे आध्यात्मिक उत्तराधिकारी शास्त्री जी महाराज ने 1907 में बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था की स्थापना की, जिसके द्वारा दुनियाभर में कई मंदिर बनाए गए। इस संस्था ने दुनियाभर में 1,200 से ज्यादा हिंदू मंदिर बनाए हैं। साथ ही बीएपीएस को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुके हैं।