छत्रपति शिवाजी महाराज का सबसे खास हथियार ‘बाघ नख’ सैकड़ों सालों बाद जल्द ही देश लौटेगा| लंदन के विक्टोरिया एंड अल्बर्ट म्यूजियम से इसे वापस भारत लाने के लिए सहमति बन गई है|वीर शिवाजी ने इसी हथियार से अफजाल खान की हत्या की थी| गुलाम बनाने आए अफजाल खान ने धोखे से शिवाजी को मारने की कोशिश की थी|
छत्रपति शिवाजी महाराज के सबसे खास हथियार ‘बाघ नख’ को जल्द ही देश वापस लाने की तैयारी है| बता दें कि वीर शिवाजी ने 6.7 फीट के दुश्मन अफजल खान को इसी इसी बाघ नख के जरिए मौत के घाट उतारा था| बीते कई दशकों से ये बाघ नख लंदन के विक्टोरिया एंड अल्बर्ट म्यूजियम में रखा हुआ है|यूनाइटेड किंगडम के अधिकारियों ने वो ‘बाघ नख’ लौटाने पर अब सहमति दे दी है|
महाराष्ट्र के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार की पहल पर, शिवाजी काल का यह विशेष हथियार वापस आएगा| इसे वापस लाने के लिए सांस्कृतिक मामलों के मंत्री, विभाग प्रमुख सचिव, निदेशक, पुरातत्व और संग्रहालय निदेशालय के प्रतिनिधिमंडल ने लंदन में विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय और अन्य संग्रहालयों का दौरा किया था और वहां इसको लेकर एक समझौता किया गया था|
छत्रपति शिवाजी महाराज के ‘बाघ नख’ को इतिहास का अमूल्य खजाना माना जाता है और इससे राज्य के लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं|बाघ के पंजे के डिजाइन में बने इस विशेष हथियार ‘बाघ नख’ को ब्रिटेन से देश वापस लाने की प्रकिया चल रही है|
क्या है बाघ नख की कहानी?
शिवाजी पर लिखी गई किताब ‘शिवाजी एंड हिज टाइम्स’ के मुताबिक यह घटना साल 1659 की है|बीजापुर सल्तनत के राजा आदिल शाह ने अफजाल खान को गुलामी स्वीकार करवाने के लिए शिवाजी के पास भेजा था|शिवाजी इस मुलाकात में अपने दो वफादारों के साथ पहुंचे थे|वहीं अफजाल खान पांच लोगों के साथ वहां आया था|
शिवाजी को अफजाल खान की मंशा पर पहले से ही शक था और वो पूरी तैयारी करके आए थे|अफजाल खान ने गले लगाने के बहाने शिवाजी की हत्या करने की कोशिश की,हालांकि शिवाजी ऐसे किसी संभावित हमले को लेकर पहले से ही सावधान थे|जैसे ही अफजाल ने गले लगाने के बहाने शिवाजी पर वार किया, शिवाजी ने फौरन अपना विशेष हथियार बाघ नख निकाला और अफजाल खान को मौत के घाट उतार दिया|
क्या होता है बाघ नख
बाघ नख स्टील का बना एक हथियार है जिसमें बाघ के पंजों के नाखून की तरह नुकीली छड़ें लगी होती हैं| यह व्यक्ति के हाथ की मुट्टी में फिट बैठ जाता है| इसके दोनों तरफ रिंग होता है जिसे हाथ की पहली और चौथी उंगली में पहन लिया जाता है| इससे यह हाथ में फिट बैठ जाता है| इसके बाद हमला करने पर यह सामने वाले व्यक्ति को लहूलुहान कर देता है|इससे किसी की हत्या भी की जा सकती है|बताया जाता है कि वीर शिवाजी अपनी सुरक्षा के लिए इस विशेष हथियार को हमेशा अपने साथ रखा करते थे|
देश से ब्रिटेन कैसा पहुंचा शिवाजी का बाघ नख
एक रिपोर्ट के मुताबिक शिवाजी महाराज का ये विशेष हथियार आजादी से पहले मराठा राज्य की राजधानी सतारा में ही था|अंग्रेजों के भारत आने के बाद मराठा पेशवा के प्रधानमंत्री ने इसे ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारी जेम्स ग्रांट डप को बतौर तोहफा दे दिया था|इसके बाद जब अधिकारी 1824 में अपने देश ब्रिटेन पहुंचे थे तो उन्होंने इस वहां के विक्टोरिया और अल्बर्ट म्यूजियम को दान कर दिया था. ये उस वक्त से वहीं था|