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जेल से बाहर आए सिसोदिया, कहा- रोम-रोम संविधान का कर्जदार

स्वाभिमान टीवी, डेस्क। पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया 17 महीने बाद सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद शुक्रवार शाम करीब छह बजे तिहाड़ जेल से बाहर आए। सिसोदिया के स्वागत में आम आदमी पार्टी के नेताओं समेत बड़ी संख्या में पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक पहुंचे। उनके बाहर आते ही आतिशबाजी के साथ उनका स्वागत किया गया। समर्थकों को संबांधित करते हुए सिसोदिया ने कहा कि उनका रोम रोम डॉ. अम्बेडकर के संविधान का कर्जदार है। उन्होंने कहा कि सच्चाई और संविधान की ताकत के बल पर उन्हें जमानत मिली है। उन्होंने कहा कि जल्द ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी बाहर आएंगे।

जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने कहा कि 17 महीनों में केवल मैंने नहीं बल्कि आप सब लोगों ने भी कष्ट उठाए हैं। दिल्ली और देश का हर एक व्यक्ति विशेष रूप से स्कूल का हर एक बच्चा दिल से मेरे साथ रहा है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद देते हुए कहा कि आज मैं बाहर आया हूं तो यह केवल आपके प्यार, भगवान के आशीर्वाद और सच्चाई की ताकत के बदौलत है। उन्होंने कहा मेरा पूरा जीवन आंबेडकर और संविधान का ऋणी है। उसी संविधान और सच्चाई की ताकत से जमानत मिली है।

सिसोदिया की जमानत पर दूसरे दलों के नेताओं की प्रतिक्रिया
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि मनीष सिसोदिया का संघर्ष इतिहास बनेगा और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगा। यह लोकतंत्र की जीत है और अन्याय व तानाशाही की हार है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि हमें उम्मीद है कि अरविंद केजरीवाल समेत जेल में बंद आम आदमी पार्टी के सभी नेताओं को जल्द न्याय मिलेगा।

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि मनीष सिसोदिया को आखिरकार लंबे समय के इंतजार के बाद राहत मिल ही गई। सुप्रीम कोर्ट को बधाई, जिन्होंने ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट को यह याद दिलाया कि जमानत नियम है, जेल एक अपवाद। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि कानून का दुरुपयोग उत्पीड़न के हथियार के रूप में नहीं होना चाहिए।

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राधव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली शिक्षा क्रांति के नायक मनीष सिसोदिया को जमानत मिलने से पूरे देश में आज खुशी है। मैं सुप्रीम कोर्ट का हृदय की गहराई से आभार व्यक्त करता हूं। मनीष को 530 दिन तक जेल की सलाखों के पीछे रखा गया। उनका जुर्म इतना था कि उन्होंने गरीबों के बच्चों को एक बेहतर भविष्य दिया। प्यारे बच्चों, आपके मनीष अंकल वापिस आ गए हैं।