SRMS ने देश को दिए 216 डॉक्टर, मेडिकल के पीजी, यूजी और पैरामेडिकल के विद्यार्थियों को दी गईं डिग्रियां
एसआरएमएस इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज और एसआरएमएस इंस्टीट्यूट आफ पैरामेडिकल साइंसेज का दसवां दीक्षांत समारोह
एमएस में डा.सारा रिजवी और एमबीबीएस में डा.सिद्धार्थ तनेजा ओवरआल टाप करने पर श्रीराममूर्ति गोल्ड मेडल व 51 हजार रुपये के नकद पुरस्कार
-मेडिकल और पैरामेडिकल के प्रतिभावान 35 विद्यार्थियों ने हासिल किए सर्टिफिकेट
-ओवरआल टापर सात विद्यार्थियों को श्रीराममूर्ति गोल्ड मेडल और नकद पुरस्कार
बरेली, 01 जुलाई। एसआरएमएस इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज और एसआरएमएस इंस्टीट्यूट आफ पैरामेडिकल साइंसेज के दसवें दीक्षांत समारोह में 216 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गईं। श्रेष्ठ शैक्षिक प्रदर्शन करने वाले मेडिकल और पैरामेडिकल के 35 विद्यार्थियों को भी इस मौके पर ट्राफी के साथ सर्टिफिकेट प्रदान किए किये।
इनमें मेडिकल में पीजी की डा.सारा रिजवी और एमबीबीएस में डा.सिद्धार्थ तनेजा को अपने- अपने बैच में ओवरआल टापर होने पर श्रीराममूर्ति गोल्ड मेडल व 51 हजार रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया। समारोह की अध्यक्षता एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह ने की, जबकि दीक्षांत संबोधन लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित डा. (लेफ्टिनेंट जनरल) बिपिन पुरी ने दिया। उन्होंने विद्यार्थियों को मानवसेवा के लिए प्रेरित किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित पूना स्थित आर्म्ड फोर्स मेडिकल कालेज के निदेशक व कमांडेंट डा. (लेफ्टिनेंट जनरल) नरेंद्र कोतवाल ने विद्यार्थियों को अपने प्रोफेशन के दौरान ईमानदारी बरतने का संदेश दिया। इस मौके पर एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक, चेयरमैन देवमूर्ति जी ने विद्यार्थियों को मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि कोई भी मंजिल मेहनत से हासिल की जा सकती है। ऐसे में अपने सपने साकार करने के लिए पर्याप्त परिश्रम जरूरी है।
एसआरएमएस कालेज आफ इंजीनियिंग एंड टेक्नोलॉजी के शतिक प्रेक्षागृह में दीक्षांत समारोह पूर्वाह्न साढ़े दस बजे आरंभ हुआ। इसमें एसआरएमएस इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज और एसआरएमएस इंस्टीट्यूट आफ पैरामेडिकल साइंसेज के 216 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गईं। जबकि दोनों संस्थानों में श्रेष्ठ शैक्षिक प्रदर्शन करने वाले 35 विद्यार्थियों को ट्राफी के साथ सर्टिफिकेट देकर प्रोत्साहित किया गया। दीक्षांत समारोह का संचालन कालेज आफ इंजीनियरिंग में ह्यूमिनिटीज की फैकेल्टी रुचि शाह ने किया। उन्होंने एसआरएमएस ट्रस्ट और इसके संस्थानों से परिचित कराया। सरस्वती वंदना और संस्थान गीत के बाद संस्था के चेयरमैन देवमूर्ति जी ने अतिथियों और विद्यार्थियों के परिजनों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि आज का दिन सपनों को साकार होते देखने का दिन है। बच्चों को डाक्टर बनते देखना और डाक्टर बनने का खुद का सपना पूरा होता हुआ दिखना आज संभव हुआ है। यह विद्यार्थियों की साढ़े छह वर्ष की कड़ी मेहनत का नतीजा है। ऐसी कड़ी मेहनत जिंदगी भर बनाए रखने की आदत आगे भी बनाए रखनी पड़ेगी। क्योंकि कड़ी मेहनत की यही आदत आपको आगे भी सफलता दिलाएगी। आप सबने यहां पर विश्वस्तरीय उपकरणों के जरिये और सर्वश्रेष्ठ गुरुओं से शिक्षा हासिल की है। इसका मान बनाए रखना अब आपकी जिम्मेदारी है।
अध्यक्षीय संबोधन में रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति डा.केपी सिंह ने विद्यार्थियों से कहा कि दीक्षांत समारोह आपकी आपकी शैक्षणिक यात्रा में एक मील का पत्थर है। यहां से आपकी चुनौती आरंभ होती है। अब आपको सेवा के इस प्रोफेशन में नाखुश और परेशान रहने वालों को खुश करना होगा, उनकी तकलीफें दूर करने के लिए सदैव तत्पर रहना पड़ेगा। आपके सामने नई नई बीमारियों और नई नई दवाइयों के रूप में चुनौतियां आएंगी। इन चुनौतियों का सामना कर लोगों को तकलीफ से निजात दिलाना आपकी जिम्मेदारी होगी। यही डाक्टर की डिग्री की जिम्मेदारी है। यह डिग्री अगर एसआरएमएस जैसे विश्वस्तरीय संस्थान से हासिल हो तो इसके प्रति जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। इसे विश्वस्तरीय बनाने के पीछे इसके संस्थापक देवमूर्ति जी और यहां के गुरुओं का योगदान अमूल्य है।
लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित डा. (लेफ्टिनेंट जनरल) बिपिन पुरी ने दीक्षा समारोह को मेडिकल प्रोफेसन की यात्रा का पहला चरण बताया। उन्होंने कहा कि यह जिंदगी भर सीखने और मेहनत करने का क्षेत्र है। यही आपकी स्ट्रैंथ और ताकत का इंतहान भी। मानवसेवा की वजह से ही चिकित्सकों को सम्मान हासिल होता है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से चिकित्सकों का सम्मान लगातार घटता जा रहा है। इसकी वजह चिकित्सकों का मानवसेवा से पीछे हटना और पैसे को प्राथमिकता देना है। जो भी व्यक्ति इस पेशे को निस्वार्थ भाव से मानवसेवा के रूप में अपनाता है, समाज में उसे आज भी सम्मान हासिल होता है। आप भी लोगों की सेवा को प्राथमिकता दें और समाज कल्याण में आगे आएं। हालांकि ऐसा करना आसान नहीं होगा,
मुश्किलें भी काफी आएंगी। लेकिन खुद पर भरोसा होने से रोज रोज की चुनौतियों का सामना करना आसान हो जाएगा। खुद पर भरोसा रखें और लगातार सीखते रहें आप भविष्य में अच्छे चिकित्सक बन जाएंगे।
विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित पूना स्थित आर्म्ड फोर्स मेडिकल कालेज के निदेशक व कमांडेंट डा. (लेफ्टिनेंट जनरल) नरेंद्र कोतवाल ने कहा कि जागते रह कर पढ़ने वाली अनगिनत रातों का का परिणाम आज डिग्री के रूप में आपको मिल रहा है। आने वाला वक्त मरीजों की सिंपैथी और इंपैथी से दुआएं कमाने का है। इन्हें कमाते रहिए और समाज को स्वस्थ करने में अपना योगदान देते रहिए। डा.कोतवाल ने विद्यार्थियों को ईमानदार, भरोसेमंद और समयबद्ध रहने का संदश दिया।
दीक्षा समारोह में यह लोग रहे मौजूद दीक्षा समारोह में सभी का स्वागत कालेज के प्रिंसिपल एयरमार्शल (सेवानिवृत्त) डा.एमएस बुटोला ने किया। उन्होंने मेडिकल कालेज की स्थापना से लेकर अब तक की उपलब्धियों की जानकारी भी दी। अंत में सभी का आभार मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डा.आरपी सिंह ने जताया। इस मौके पर एसआरएमएस ट्रस्ट के सचिव आदित्य मूर्ति, आशा मूर्ति, ऋचा मूर्ति, डा.निर्मल यादव, गुरु मेहरोत्रा, सुरेश सुंदरानी, देवेंद्र खंडेलवाल, बरेली कालेज के पूर्व प्राचार्य डा.सोमेश यादव, डा. डा.अनुराग मोहन, डा.वंदना शर्मा, डा.आलोक खरे, डा.स्वदेश कुमार, इंजीनियर सुभाष मेहरा, डा.प्रभाकर गुप्ता, डा.अनुज कुमार, डा.नसीम अख्तर, डा.रिंटू चतुर्वेदी, डा. एलएस मौर्य, डीन पीजी डा.रोहित शर्मा, डीन यूजी डा.नीलिमा मेहरोत्रा, डीएसडब्ल्यू डा.क्रांति कुमार और एसआरएमएस कालेज आफ पैरामेडिकल साइंसेज की प्रिंसिपल डा.जसप्रीत कौर सहित सभी विभागों के फैकेल्टी और इंचार्ज मौजूद रहे।