आगरा के दयालबाग में सत्संगियों और विवाद का पुराना नाता है| स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन पहली बार सख़्त हुआ है| नहीं तो कब्जे का सिलसिला पुराने समय से जारी है| लेकिन आज तक किसी ने इनके खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं की| स्थानीय ग्रामीण कई बार प्रशासन में शिकायत दे चुके हैं|

आगरा:उत्तर प्रदेश के आगरा में सरकारी जमीन पर कब्जा हटाने गई पुलिस और प्रशासन की टीम पर रविवार को लोगों ने हमला बोल दिया| घटना रविवार को दयालबाग में हुई| पुलिस पर हमले का आरोप राधा स्वामी सत्संग से जुड़े लोगों पर है| जहां पता चला कि प्रशासन ने सत्संगियों को पहले चौबीस घंटे और उसके बाद अब एक हफ़्ते का समय दिया है| तय समय में जरूरी दस्तावेज DM के समक्ष पेश करना होगा|

पुलिस और सत्संगियों के बीच झड़प के बाद सत्संग ने विवादित जगह पर वॉलंटियर्स तैनात किये है| हेलमेट पहने, हाथ में लाठी लिये विवादित गेट के पास वॉलंटियर्स तैनात है| सत्संग से जुड़े लोगों का कहना है| कि सौ साल से ज्यादा से जमीन उनके पास है|जमीन के सभी जरूरी कागजात भी मौजूद है| दयालबाग़ में प्रशासन और सत्संग के बीच रविवार शाम हुई| बातचीत के बाद स्थिति फिलहाल शांतिपूर्ण है|

सत्संग में ही दी जाती है युवतियों को ट्रेनिंग- एसके नैयर

सत्संग के मीडिया प्रभारी SK नैयर ने बातचीत में बताया कि हिंसा की शुरुआत पहले पुलिस की तरफ से हुई| बच्चों और महिलाओं को पीटा गया| इसीलिए इस तरफ़ से जवाब में झड़प हुई| वायरल वीडियो में कैमोफ़्लॉग ड्रेस में लड़कियां लाठी भांजती दिखी थीं| इस पर उन्होंने बताया कि सत्संग में ही इन्हें ट्रेनिंग दी जाती है| उन्होंने बताया कि सौ साल से ज़्यादा से जमीन पर सत्संग का स्वामित्व है|फसलों को पशु से बचाने के लिए तार लगाए जा रहे थे|

पूरे आगरा में दयालबाग़ घटना की चर्चा

आगरा के दयालबाग में सत्संगियों और विवाद का पुराना नाता है| स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन पहली बार सख़्त हुआ है| नहीं तो कब्जे का सिलसिला पुराने समय से जारी है| लेकिन आज तक किसी ने इनके खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं की|स्थानीय ग्रामीण कई बार प्रशासन में शिकायत दे चुके है|सिकंदरपुर, नगला-तलफ़ी, तलबीनगर, बहादुरपुर, खासपुर, मनोहरपुर और संत विहार कॉलोनी समेत एक दर्जन से ज्यादा गांव ‘सत्संग’ से आक्रोशित है| उनका कहना है कि सत्संग पुराने समय से जमीनों पर अवैध कब्जे और रास्ते रोकने का काम करते रहे है|

2009 में भी सत्संग और स्थानीय ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प हुई थी| जिसमें एक व्यक्ति की मौत भी हुई थी| भारतवर्ष दयालबाग़ के सिकंदरपुर, नगला और तलफी गांव पहुंचा| जिस रास्ते को ले कर विवाद है, उसको जोड़ने वाले संत विहार कॉलोनी भी पहुंचा|यहां के लोगों का एक स्वर में कहना है |कि सत्संग को रास्ते की जमीन छोड़नी चाहिए और कब्जे की तमाम ज़मीन को प्रशासन सख्ती से खाली कराए|

‘वो लोग अपनी फौज भी तैयार कर रहे’

सिकंदरपुर गांव के रहने वाले भूरी सिंह जिला पंचायत के सदस्य रहे हैं और 2009 में सत्संगियों के साथ हुई हिंसक झड़प में इन पर हत्या का आरोप लगा| जिसके बाद ये बारह साल जेल में रहे|अब जमानत पर बाहर हैं| इनका कहना है कि सत्संग पूरे क्षेत्र में अपना एकछत्र राज स्थापित करना चाहता है| ये प्रशासन और लोकतंत्र को भी नहीं मानते| अपनी सरकार चलाते है| अपनी फौज भी तैयार कर रहे जिनको हिंसा में लगा देते है|

नगला-तलफी गांव के रहने वाले बुजुर्ग किसान बहादुर सिंह, सुभाष चन्द्र और सूरज भान भी बताते है| कि सत्संग के कारण एक दो नहीं| बल्कि दर्जन भर गांव को परेशानी है| सभी गांवों और कॉलोनियों में जाने के रास्ते संकरे है| क्योंकि दोनों तरफ जमीनों पर सत्संग का कब्जा है| अब ये गेट लगाना शुरू कर रहे है| जिसका मतलब आने जाने का रास्ता ही ब्लॉक कर देना चाहते है| ऐसे में इनकी मंशा है कि तमाम ग्रामीण गाँव छोड़ कर जमीनें सत्संग को बेच दें और कहीं दूर चले जाए| ऐसे में पूरे क्षेत्र पर इनका एकछत्र राज स्थापित हो जाएगा|