Banda News: बांदा डिपो की बस UP 90 T 5484 यात्रियों को लेकर बांदा से कानपुर जा रही थी| बांदा से करीब 30 किलोमीटर दूर पलरा गांव के पास बस में मौजूद एक महिला यात्री जो प्रेग्नेंट थी, उसको प्रसव पीड़ा शुरू हो गई| दर्द ऐसा की देखते ही देखते उसकी हालत बिगड़ने लगी और महिला तड़पने लगी| इत्तेफाक ऐसा था कि महिला के साथ एक बुजुर्ग मौजूद थे, जो बहुत परेशान थे|

यूपी के बांदा में सरकारी रोडवेज बस के स्टाफ की जमकर तारीफ हो रही है|उन्होंने बड़ी ही सूझबूझ से एक महिला यात्री की जान बचाई| दरअसल, वो महिला प्रेग्नेंट थी और बस से बांदा से कानपुर जा रही थी| अचानक रास्ते मे उसकी प्रसव पीड़ा शुरू हो गई| जैसे ही बस ड्राइवर और कंडक्टर को मामले की जानकारी हुई तो उन्होंने बस को किनारे लगाकर महिला यात्रियों के सहयोग से उसकी बस के अंदर ही डिलीवरी करवाई|

इसके बाद बस में बैठाकर उसे अस्पताल में भर्ती भी कराया| फिलहाल, जच्चा और बच्चा दोनो स्वस्थ हैं| रोडवेज कर्मियों के ऐसे कार्य की चारो तरफ तारीफ हो रही है| लोग कह रहे हैं कि बस का स्टाफ महिला के लिए ‘देवदूत’ बन गया|

महिला यात्री को शुरू हो गई प्रसव पीड़ा

बता दें कि UP रोडवेज की बांदा डिपो की बस UP 90 T 5484 यात्रियों को लेकर बांदा से कानपुर जा रही थी| बांदा से करीब 30 किलोमीटर दूर पलरा गांव के पास बस में मौजूद एक महिला यात्री जो प्रेग्नेंट थी, उसको प्रसव पीड़ा शुरू हो गई|दर्द ऐसा की देखते ही देखते उसकी हालत बिगड़ने लगी और महिला तड़पने लगी| इत्तेफाक ऐसा था कि महिला के साथ एक बुजुर्ग मौजूद थे, जो बहुत परेशान थे|

आसपास मौजूद यात्रियों ने बस के कंडक्टर कौशलेंद्र सिंह और ड्राइवर धर्मपाल को सूचना दी, जिसके बाद उन्होंने सूझबूझ से बस किनारे खड़ी कराकर सभी यात्रियों को नीचे उतारकर बस में मौजूद महिला यात्रियों के सहयोग से उसकी बस में डिलीवरी कराई| डिलीवरी के बाद उसको अस्पताल में भी भर्ती कराया|जहां इलाज के बाद महिला को कानपुर भेज दिया गया है|जच्चा और बच्चा दोनो ही एकदम स्वस्थ हैं| इधर अन्य यात्रियों को डिपो से दूसरी बस मंगवाकर उन्हें उनके स्थान तक भेज दिया|

महिला यात्रियों की मदद से करवाई डिलीवरी 

बस के कंडक्टर कौशलेंद्र सिंह ने बताया मैं अपने ड्राइवर के साथ बस लेकर बांदा से कानपुर जा रहा था| बस में एक प्रेग्नेंट महिला थी| जो बांदा से कानपुर जा रही थी|अचानक पलरा गांव चिल्ला के पहले उसे दर्द शुरू हो गया| यात्रियों ने जैसे ही बताया तो मैने बस रुकवा दी| एम्बुलेंस को फोन किया लेकिन गांव होने के चलते उसको आने में 20 मिनट से ज्यादा समय लग रहा था| महिला की हालत बिगड़ रही थी साथ मे जो बुजुर्ग थे वह भी परेशान थे| हमने सभी यात्रियों को नीचे उतारकर दो महिला यात्रियों के साथ उसकी डिलीवरी कराई| इसके बाद महिला और बच्चे को चिल्ला के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया|