76 साल से नही बनी रोड: सर्दी में खुले आसमान के नीचे सड़क के लिए ग्रामीणों के साथ धरना दे रहा था परिवार, एक साल की बच्ची की हुई मौत

“तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है
मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है””सड़क के लिए धरना देने वाले परिवार की बच्ची की दर्दनाक मौत पर, बरेली के परसाखेड़ा गौटिया में शोक और आंदोलन की कहानी। ‘तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे हैं’ – विकास की राह में रुकावटों पर नगर निगम का जवाब।

बरेली, 16 दिसंबर। अदम गोंडवी का ये शेयर
“तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है
मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है” बरेली के परसाखेड़ा गौटिया में सिद्ध होता दिखाई दे रहा है। जहां महज एक सड़क के लिए लोगो को नगर निगम पर धरना देना पड़ा। आजादी के बाद से आज तक इस गांव में सड़क नही बनी। जिस वजह से ग्रामीण धरने पर बैठ गए। सर्दी की वजह से रात में खुले आसमान के नीचे बैठे हुए परिवार की एक साल की बच्ची को सर्दी लग गई और उसकी तबियत खराब हो गई। बच्ची को इलाज के लिए घर वाले गांव में डॉक्टर के पास ले गए जहां उसकी मौत हो गई। बच्ची की मौत से घबराए नगर निगम के अधिकारियों ने धरना दे रहे ग्रामीणों आश्वासन दिया की वो शासन में आपकी समस्या को अवगत कराएंगे। जिसके बाद धरना समाप्त हो गया।

परसाखेड़ा गौटिया के हरीश चंद्र ने बताया कि वह शुक्रवार सुबह ग्रामीणों के साथ अपनी पत्नी और एक साल की बेटी विद्या के साथ सड़क बनाने की मांग को लेकर नगर निगम गेट पर धरना देने गए थे। धरना स्थल पर रात में उसकी बेटी की तबियत खराब हो गई। सुबह के समय वो बेटी को लेकर गांव आ गए और फिर गांव में ही डॉक्टर को दिखाया जहां डॉक्टर ने बताया की सर्दी लगने की वजह से उसे निमोनिया हो गया है, उसे अच्छे डॉक्टर को दिखाओ कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई। बेटी विद्या की मौत से परिवार में कोहराम मच गया।

आजादी के बाद से आज तक कई चुनाव हो चुके है। लेकिन विकास की गाड़ी इस गांव में नही आ सकी। ग्रामीणों का कहना है कि गांव से बाहर निकलने का कोई रास्ता ही नही है। जिस वजह से सभी ग्रामीण जान जोखिम में डालकर रेलवे ट्रैक क्रॉस करते है। इतना ही नहीं इन 76 सालो में रेलवे ट्रैक क्रॉस करते हुए 20 से अधिक ग्रामीण ट्रेन की चपेट में आकर अपनी जान गवा चुके है।

वही इस मामले में नगर आयुक्त निधि गुप्ता वत्स का कहना है कि परसाखेड़ा की रोड के लिए शासन में हमने एक पत्र लिखा था जिसमें नगर निगम की वित्तीय स्थिति के बारे में भी बताया गया था। शासन से एक सशर्त शासनादेश भी जारी हुआ था जिसमें वित्तीय स्थिति को देखते हुए आगे कार्य करने को कहा गया था। जब यह प्रक्रिया चल रही थी तो हम लोगों के संज्ञान में आया कि वहां से एक रिंग रोड जा रहा है और रिंग रोड महज गांव से सौ-डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर है। उसकी और गहन समीक्षा करने पर यह जानकारी हुई जहां पर गांव की सर्विसलेन जा रही है वहां पर एक सरकारी रास्ता पहले से बना हुआ है। एक व्यवस्था होने के बाद एक हम डुप्लीकेट रास्ता बनाएं तो यह डुप्लीकेसी होगी जिसमें सरकारी धन को इस्तेमाल करना उचित नहीं होगा।यही धरना दे रहे ग्रामीणों को समझाया गया है। रिंग रोड का काम तेजी से शुरू हो रहा है तो उसमें दोबारा से इस गांव को जोड़ने के लिए नया जमीन खरीदना सही नहीं होगा।

By Anup