स्वाभिमान टीवी, डेस्क। उत्तर प्रदेश में कानपुर से भिवानी जा रही कालिंदी एक्सप्रेस 14117 रविवार रात लोको पायलट की समझदारी के चलते दुर्घटना होने से बच गई। ट्रैक पर भरा सिलिंडर रख ट्रेन को पटरी से उतारने की साजिश रची गई थी। जानकारी के अनुसार 100 किमी की रफ्तार से दौड़ रही ट्रेन के लोको पायलट को रेलवे ट्रैक पर कोई चीज दिखाई दी जिसकी वजह से पायलट ने ट्रेन में इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए। ट्रेन की स्पीट तेज होने के कारण ट्रेन सिलिंडर से टकरा गई। लोको पायलट ने तुरंत ही घटना की जानकारी रेलवे और आरपीएफ अधिकारियों दी।
जांच के दौरान अधिकारियों को घटनास्थल से सिलिंडर के अलावा कांच की बत्ती लगी बोतल, माचिस और एक झोला मिला जिसमें सफेर रंग का कोई पाउर सा था। उम्मीद जताई जा रही है कि झोले में बारूद जैसी कोई सामग्री थी, वहीं बोतल में संदिग्ध तरल पदार्थ बरामद हुआ। देर रात मौके पर एटीएस और एसटीएफ की टीम पहुंच गई और घटना की जांच शुरू कर दी। जानकारी के अनुसार रविवार रात करीब 8:25 बजे अनवरगंज, रावतपुर स्टेशन से होकर गुजरी कालिंदी एक्सप्रेस ने बर्राजपुर स्टेशन के आगे जैसे ही मुंढेरी क्रॉसिंग को पार किया तो लोको पायलट को रेलवे ट्रैक पर कोई चीज नजर आई।
लोको पायलट ने तुरंत ही इमरजेंसी ब्रेक लगाकर गार्ड राजीव कुमार को सूचना दी। गार्ड ने रेलवे को मेमो भेजकर घटना की जानकारी दी। अनवरगंज रेलवे स्टेशन के अधीक्षक, आरपीएफ और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल की जांच की। हादसा बर्राजपुर से करीब ढाई किलोमीटर आगे और बिल्हौर स्टेशन से पांच किमी पहले हुआ।
जांच के दौरान ट्रैक पर लोहे जैसी वस्तु के रगड़ने के निशान मिले। सर्च लाइट की मदद से रेलवे ट्रैक और आसपास झाड़ियों की जांच की। आरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट एमएस खान ने बताया कि मौके से भरा हुआ एलपीजी सिलिंडर, माचिस, बोतल और अन्य संवेदनशील वस्तुएं बरामद हुई हैं।
ट्रेन पलटाने की थी साजिश
देर रात मौके पर पहुंचे एडिशन सीपी हरीश चंदर ने बताया कि रात साढ़े आठ बजे घटना की जानकारी रेलवे की तरफ से मिली थी। ट्रैक पर भरा सिलिंडर रख ट्रेन पटरी से उतारने की साजिश रची गई थी। रेलवे, आरपीएफ और पुलिस अधिकारियों को घटनास्थल से सिलिंडर के अलावा कांच की बोतल, माचिस और झोला मिला। झोले में बारूद जैसी कोई सामग्री थी, वहीं बोतल में ज्वलनशील पदार्थ तरल पदार्थ था, जिसकी जांच की जा रही है।
साबरमती एक्सप्रेस हादसे की जांच जारी
कानपुर के पनकी में वाराणसी से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस 17 अगस्त को बोल्डर से टकरा गई थी, जिससे ट्रेन के सभी डिब्बे पटरी से उतर गए थे। ट्रैक के पास से लोहे का एंगल मिला था। हालांकि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई। इस मामले की जांच अभी चल रही है।
सुरक्षा एजेंसियों ने शुरू की इलाके की कॉम्बिंग
घटना के बाद पुलिस, आरपीएफ और जीआरपी ने घटनास्थल और उसके आसपास के क्षेत्र की कॉम्बिंग शुरू कर दी है। इस दौरान सुरक्षा कर्मी झाड़ियों के बीच जाकर भी हर छोटी बड़ी चीज को खोज रहे हैं जिससे मामले की जांच में मदद मिल सके। साथ ही संदिग्ध के बारे में भी कोई सुराग हाथ लग सके।
सिलिंडर फटता तो बड़ी घटना हो सकती थी
सिलिंडर अगर फट जाता तो डिरेल होने के साथ ही ट्रेन के इंजन में आग भी लग सकती थी। हालांकि सिलिंडर की मजबूती ने साजिशकर्ताओं के इरादों को नाकाम कर दिया। फॉरेंसिक टीम का कहना है कि सिलिंडर का ऊपरी हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। हालांकि कहीं से भी गैस रिसाव की बात सामने नहीं आई है।
वहीं आरपीएफ कन्नौज मामले की जांच कर रही है। साथ ही पुलिस की जांच के लिए एडिशनल सीपी विपिन मिश्रा, डीसीपी पश्चिम राजेश सिंह व अन्य अधिकारियों को मौके पर भेजा गया है। शिवराजपुर, चौबेपुर, बिल्हौर समेत कई थानों की फोर्स को भी जांच करने वाली टीम की मदद के लिए निर्देश दिए गए हैं। -अखिल कुमार, पुलिस कमिश्नर