ग्रामीणों का आरोप है यह किताबें मिर्ज़ापुर के सदर तहसील के प्राथमिक विद्यालय बजटा में बच्चों को पढ़ने के लिए आई थीं. मगर स्कूल के लोगों ने इन किताबों को कबाड़ी को बेच कर पैसा ले लिए. स्कूल टीचर से किताबें खरीदने के बाद कबाड़ी ने भी एक दुकानदार को किताबें बेच दी थीं|

बच्चों को देश का भविष्य कहा जाता है. उसी भविष्य को संवारने और बेहतर दिशा देने के लिए सरकारें गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए हर संभव कोशिश करती हैं|सरकारी स्कूलों में मुफ्त किताबें, यूनिफॉर्म, स्कॉलरशिप, मिड डे मील जैसी कई सुविधाएं देती हैं|ताकि बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके|लेकिन शिक्षा देने वाले शिक्षक ही चंद रुपयों में बच्चों को पढ़ने के लिए दी जाने वाली किताबें कबाड़ी को बेच रहे है|उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में ऐसा ही मामला सामने आया है|यूपी के मिर्जापुर जिले के एक गांव में सरकारी स्कूल के टीचर ने वर्तमान शैक्षणिक वर्ष 2023-24की किताबें कबाड़ी को बेच दी ग्रामीणों ने जब कबाड़ी को ठेले पर रंग-बिरंगी, नई किताबें देखी तो हैरान रह गए. उन्होंने कबाड़ी वाले को रोका और किताबें और किताबें चेक की. किताबों पर ‘सर्व शिक्षा अभियान, सब पढ़ें सब बढ़ें’ , मुफ्त वितरण हेतु शैक्षणिक वर्ष 2023-23 देखकर गांववालों को गुस्सा भड़क को गुस्सा भड़क गया. उन्होंने जब कबाड़ी वाले से पूछताछ की तो पता चला कि खुद मास्टरजी ने ही ये सभी किताबें उसे बेची हैं|

ग्रामीणों का आरोप है कि यह किताबें मिर्ज़ापुर के सदर तहसील के प्राथमिक विद्यालय बजटा में बच्चों को पढ़ने के लिए आई थीं. मगर स्कूल के लोगों ने इन किताबोंइन किताबों को कबाड़ी को बेच कर पैसा ले लिए. स्कूल टीचर से किताबें खरीदने के बाद कबाड़ी ने भी एक दुकानदार को किताबें बेच दी थीं|ग्रामीणों का आरोप है कि स्कूल के अध्यापकों ने पुराने अभिलेख के साथ-साथ नए सत्र की किताबें भी बेच दीं. वीडियो वायरल होने के बाद मिर्ज़ापुर  में बेसिक शिक्षा अधिकारी अनिल वर्मा ने स्कूल के अध्यापकों को नोटिस जारी किया है| अधिकारी का कहना है कि मामले में नोटिस जारी कर दिया गया है|जवाबमिलने पर कार्रवाई की जाएगी|