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एकदाशी में क्या करें, क्या ना करें ?*

*🌞 ~ हिन्दू पंचांग ~🌞*

*⛅दिनांक – 24 जुलाई 2022*
*⛅दिन – रविवार*
*⛅विक्रम संवत – 2079*
*⛅शक संवत – 1944*
*⛅अयन – दक्षिणायन*
*⛅ऋतु – वर्षा*
*⛅मास – श्रावण (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार आषाढ़)*
*⛅पक्ष – कृष्ण*
*⛅तिथि – एकादशी दोपहर 01:45 तक तत्पश्चात द्वादशी*
*⛅नक्षत्र – रोहिणी रात्रि 10:00 तक तत्पश्चात मृगशिरा*
*⛅योग – वृद्धि दोपहर 02:02 तक तत्पश्चात ध्रुव*
*⛅राहु काल – सुबह 09:26 से 11:06 तक*
*⛅सूर्योदय – 06:07*
*⛅सूर्यास्त – 07:25*
*⛅दिशा शूल – पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्रह्म मुहूर्त – प्रातः 04:41 से 05:24 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:25 से 01:08 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण – कामिका एकादशी*
*⛅ विशेष – एकादशी को चावल खाना वर्जित है । द्वादशी को पूतिका (पोई) खाने से पुत्र का नाश होता है ।*
*(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🌹कामिका एकादशी🌹*
*एकादशी 23 जुलाई शनिवार सुबह 11:28 से 24 जुलाई रविवार दोपहर 01:45 तक ।*
*व्रत उपवास 24 जुलाई रविवार को रखें ।*

*🔹एकदाशी में क्या करें, क्या ना करें ?*

*🌹1. एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें । नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करें ।*

*🌹2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें ।*

*🌹हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l*

*🌹राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।।* *सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*

*एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से श्री विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*

*🌹3. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जाप करना चाहिए ।*

*🌹4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।*

*🌹5. एकदशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए । इस दिन फलाहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।*

*🌹6. व्रत के ( दशमी, एकादशी और द्वादशी ) – इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) – का सेवन न करें ।*

*🌹7. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए । आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।*

*🌹8. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए ।*

*🌹9. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।*

*🌹10. एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें । इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है ।*

*🌹11. इस दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए ।*

*🌹12. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।*

*🌹13. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1 बजे तक) ।*

*🌹14. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है ।*

*🔹 इस विधि से व्रत करनेवाला उत्तम फल को प्राप्त करता है ।*

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