आज के समय में हर कोई लाइम लाइट की दुनिया में शार्ट कट मारके अपना नाम बनाना चाहता है। हर कोई व्यक्ति अपनी एक नयी पहचान बनाना चाहता है जिससे पूरी दुनिया में उनका नाम बन सके,, आज के समय वही नाम बनाने के चक्कर में लोग क्या क्या अतरंगी पहनावा पहन हैं, किसी को इस बात का अंदाजा नहीं होता है..की बच्चों पर क्या असर पड़ेगा,जी हां हम बात कर रहे हैं उर्फी जावेद की उसी उर्फी जावेद जिसने सोशल मीडिया की दुनिया में इस्लाम धर्म और भारतीय संस्कृति को तार तार क़र रखा है,एक तरफ टीवी डिबेटस में महिलाओं के बुर्के को लेकर तमाम तरह बेकर चर्चिए नए ढोंग के रूप में चलती रहती हैं, वहीं दूसरी ओर उर्फी जावेद जो की अतरंगी पहनावे की से देश में एक नये कल्चर को जन्म दें रही हैं, क्या ये इस्लाम में जायज़ है?

सानिया मिर्ज़ा और फरमानी नाज़ ही फ़तवे के घेरे में क्यों?

इससे पहले सानिया मिर्ज़ा जो की देश के लिए टेनिस खेला करती थी।टेनिस खेल के ड्रेस कोड में, उसको लेकर सानिया मिर्ज़ा के खिलाफ भी फतवा जारी हो गया था। फरमानी नाज़ के गाना गाने पर भी फ़तवे की बाते चल रही थी.तो आखिर उर्फी जैसे लोगों के खिलाफ फतवा जारी क्यों जारी नहीं होता?? सोशल मीडिया पर बच्चे से लेकर बूढ़ा तक, हर कोई एक्टिव,उर्फी जावेद जैसे लोग अगर इसी तरह का कंटेंट सोशल मीडिया पर परोसेंगे तो छोटे बच्चों पर क्या असर पड़ेगा, युवाओं पर क्या असर पड़ेगा.अब सवाल यह उठता है? की कामकाजी और घर में रह रही महिलाओं के बुर्के पर चर्चा जरूरी है या ऊर्फी जावेद के अतरंगी पहनावे पर चर्चा जरूरी है?

 

अतरंगी पहनावे से बटोरती लाइकस और फॉलोवर्स

उर्फी जावेद अपने अतरंगी पहनावे को लेकर चर्चा रहती हैं,लाइक और फॉलोवर्स बटोरती हैं,उनका यह पहनावा सोशल मीडिया पर एक अलग कल्चर पैदा कर रहा है जो की युवाओं और बच्चों के लिए बेहद खतरनाक ख़राब है।

 

 

By Sarvesh