बरेली के 123 विधानसभा बिथरी चैनपुर के क्यारा ब्लॉक के इंदिरापुरम निवासी जलभराव में रहने को मजबूर हो गए हैं, और अब धीरे धीरे पलायन को मजबूर हैं.2 महीनों से पानी उनके घरों में घुसा हुआ है जिसको निकालने के लिए स्थानीय निवासी जुगाड़ फिट किया जा रहे हैं.हर बार बरसात के मौसम में ऐसा ही होता है, वहीं निवासियों का कहना है इंदिरापुरम पिछले 10 12 सालों से यह दिक्क़त हर साल बारिश में बनी रहती है, प्रधान और ब्लॉक प्रमुख इस समस्या पर कभी ध्यान नहीं देते।
बरेली:इंदिरापुरम कॉलोनी के निवासी पिछले कई महीनों से इस समस्या से निजात पाने की मांग लगातार ब्लाक प्रमुख और प्रधान से कर रहे हैं लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है जिस वजह से इंदिरापुरम निवासी बत से बत्तर स्थिति में जीने को मजबूर हैं. इसी समस्या के चलते कम से कम 20 से 50 परिवार ऐसे हैं जो पलायन करने का विचार बना रहे हैं, जिन लोगों ने अपने परिवार के आधे लोगों को इधर-उधर भेज दिया है।
घर में आए दिन सांप और मेंढक आते हैं
जल भराव की समस्या स्थानीय निवासियों के लिए नई नहीं है घर में घुसे हुए पानी में बाहर से सांप और मेंढक भी आ जाते हैं. जो कि बच्चों के लिए खतरा बन सकता है कॉलोनी में रोड की स्थिति इतनी खराब है.जरा सी बारिश होते ही सारा पानी घर में आ जाता है जिस वजह से इंदिरापुरम निवासियों का रहना दुष्वार हो गया है. वहीं स्थानीय निवासियों का आरोप है. प्रधान और ब्लॉक प्रमुख कभी क्षेत्र में नहीं आते हैं. जो हम अपनी समस्या लेकर उनके पास जाते हैं तो वह मना करवा देते हैं।
“क्या सड़क क्या नाली” घर में घुस रहा पानी
क्यारा ब्लाक के इंदिरापुरम कॉलोनी में नाली और सड़क बराबर है. नाही नाली है ना ही सड़क है, जिसमें भ्रष्टाचार साफ-सुथरा दिख रहा है जिसका खामियाजा वहां के स्थानीय निवासियों को उनके परिवार को उठाना पड़ रहा है जो बरसात का पानी होता है वह सीधे लोगों के घरों में जाता है जिस वजह से लोगों में डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड और डायरिया जैसी गंभीर बीमारियों से गुजरना पड़ता है।
स्थानीय लोगों ने एक दूसरे की मदद से खुद ही खोदना शुरू कर दी नाली
घरों में जल भराव की समस्या से परेशान स्थानीय लोगों ने खुद से ही नाली खोदना शुरू कर दिया जबकि यह काम सरकारी कार्यों में आता है,परेशान स्थानीय निवासियों ने बताया की दिन-रात हमें इसी पानी में जीना होता है कब कौन सा कीड़ा आकर हमें काट ले कोई पता नहीं बच्चों को ऊपर बेड पर लेकर बैठना पड़ता है। घर में खाना बनाने में भी दिक्क़त हो जाती है। वहीं स्थानीय निवासी राम लखन जोकी टेलर का काम करते हैं उन्होंने अपनी दुकान जलभराव की वजह से 2 महीने से नहीं खोली है. जिस बजह से पानी में लारवा भी अब बनने लगा है. राम लखन ने बताया वह रोजी-रोटी के लिए बाहर जा जाकर काम कर रहे हैं।
जल भराव से बच्चे स्कूल न जाने को मजबूर
घरों में जलभराव होने से बच्चे स्कूल तक नहीं जा पा रहे हैं.स्थानीय महिलाओं ने बताया कि बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं. क्योंकि जलवा आपकी वजह से बच्चे कई बार गिर चुके हैं. घरों में पानी भरा होने की वजह से सारे काम अस्त व्यस्त रहते हैं. बच्चे बीमार हो रहे हैं और हम सिर्फ पैसा लगाने के अलावा कोई काम नहीं कर सकते,प्रधान और ब्लॉक प्रमुख यहां देखने तक नहीं आते है. सरकार की स्वच्छ भारत मिशन की योजना को बिल्कुल ध्वस्त कर दिया गया है. जिस गली में नाली ना हो वहां पर स्वच्छता की क्या ही बात की जा सकती है।