दिल्ली एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में भूकंप के झटके से कांपी धरती शनिवार को देर शाम करीब 9:35 पर भूकंप के झटको को महसूस किया गया. वही भूकंप के झटकों की तीव्रता 5.5 से 5.6 रही,वहीं वैज्ञानिकों ने भूकंप का मुख्य केंद्र जम्मू कश्मीर को माना है।
बरेली:भूकंप के झटके दिल्ली एनसीआर में ही नहीं बल्कि उत्तर भारत के कई इलाकों में भी महसूस किए गए हैं वहीं पाकिस्तान के इस्लामाबाद लाहौर में भूकंप के झटके महसूस किए गए फिलहाल अभी तक कहीं से भी किसी प्रकार की जान माल की हानि की जानकारी नहीं मिली है. भूकंप के झटके महसूस किए जाने के बाद लोगों में दहशत का माहौल देखा गया है।
भूकंप आने का मुख्य कारण क्या है?
भूकंप कब आता है? और क्यों आता है? अमूमन वैज्ञानिकों का दवा यही है की जब पृथ्वी की बाहरी परत के टुकड़े अचानक से एक दूसरे के आगे पीछे चल चले जाते हैं उदाहरण के लिए तुर्कीया भूकंप का एक स्ट्राइक था जिसको समझने के लिए हमें पहले पृथ्वी की संरचना को अच्छे से जानना होगा. जानकारी के लिए बता दें कि हर रोज ना जाने कितने भूकंप के छोटे-मोटे झटके पृथ्वी पर लगते रहते हैं।
भूकंप का मुख्य केंद्र दिल्ली से 1100 किलोमीटर दूर का मना गया
दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत के कई इलाकों में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए हैं.वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर झटका मजबूत है तो काफी बड़ी दूरी तक झटके महसूस किए जा सकते हैं क्योंकि अक्सर भूकंप के झटके मूल बिंदु से रेडियल समान रुप में फैलते हैं. जिसके फैलने के उपरांत यह सतह तक पहुंचने के लिए दूरी तय करते हैं रेडियल के रूप में इनका फैलाव काफी बड़ा हो जाता है अगर देखा जाए तो दिल्ली से अफगानिस्तान के जुर्म इलाके का रास्ता 1100 किलोमीटर से भी ज्यादा का है।
जबकि गहरे भूकंपों में नुकसान कम होने की आशंका जताई जाती है.क्योंकि जब तक यह सतह तक आते हैं. तब तक अपनी एनर्जी का एक बड़ा और मजबूत हिस्सा खत्म कर देते हैं। अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा के बीच एक क्षेत्र ऐसा भी है. जो कि भूकंप प्रवण क्षेत्र कहलाता है.जहां से लगभग 6 या उससे ज्यादा विशालकाय भूकंप आते रहते हैं।