देश में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है| केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में गुरुवार को 594 नए कोविड-19 संक्रमण के मामले दर्ज किए गए है| इससे एक्टिव मामलों की संख्या 2311 से बढ़कर 2669 हो गई है| बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्क्रीनिंग और निगरानी करने की एडवाइजरी जारी की है, जिसमें सभी राज्यों से स्क्रीनिंग बढ़ाने, इन्फ्लूएंजा जैसी गंभीर श्वसन बीमारियों के मामलों की तुरंत रिपोर्ट करने, RT-PCR टेस्ट को बढ़ाने और जीनोम अनुक्रमण के लिए पॉजिटिव नमूने इकट्ठे करने को कहा गया है|

रिपोर्ट किए गए मामलों से पता चलता है कि भारत में कोरोना का नाम सब-वैरिएंट के भी लगभग 21 मामले सामने आए है| इस नए वैरिएंट का नाम  जेएन.1 है| यह वैरिएंट अन्य देशों में भी तेजी से फैल रहा है, इसलिए WHO ने इसके तेजी से बढ़ते प्रसार को देखते हुए, JN.1 को “वेरिएंट ऑफ़ इंटरेस्ट” (VOI) के रूप में वर्गीकृत किया है| WHO का कहना है कि JN.1 सब-वैरिएंट के सामने आने से कोरोना के मामलों में वृद्धि हो सकती है, खासकर उन देशों में जहां सर्दी अधिक पड़ती है|

JN.1 वैरिएंट 41 देशों में फैल चुका है| WHO के अनुसार, JN.1 मामलों के सबसे बड़े अनुपात वाले देश फ्रांस, संयुक्त राज्य अमेरिका, सिंगापुर, कनाडा, ब्रिटेन और स्वीडन है| नया वैरिएंट कितना खतरनाक है, इस पर एक्सपर्ट की क्या राय है, इसके लक्षण-बचाव के तरीके क्या हैं, इस बारे में जान लीजिए|

जेएन.1 सब-वैरिएंट क्या है

JN.1 सब-वैरिएंट की पहली बार पहचान अगस्त में की गई थी| यह ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट BA.2.86 से बना है| 2022 की शुरुआत में BA.2.86 ही कोरोना के मामलों में वृद्धि का कारण था| BA.2.86 व्यापक रूप से नहीं फैला था, लेकिन इसने विशेषज्ञों को चिंतित कर दिया था क्योंकि BA.2.86 के स्पाइक प्रोटीन पर अतिरिक्त म्यूटेशन है|

जेएन.1 कितना खतरनाक है

हेल्थ एक्सपर्ट चंद्रकांत लहरिया ने पीटीआई से कहा, ‘भारत में लोग पहले ही ओमिक्रॉन वैरिएंट समेत कई सब-वैरिएंट के संपर्क में आ चुके हैं और उन्हें COVID-19 वैक्सीन की कम से कम दो डोज लग चुकी है| SARS-CoV-2 वैरिएंट या उप-वैरिएंट के कारण गंभीर बीमारी होने का कोई नया जोखिम नहीं है|

JN.1 के लक्षण क्या हैं

रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) का कहना है, ‘अभी यह पता नहीं चला है कि जेएन.1 के लक्षण अन् वैरिएंट और सब-वैरिएंट से अलग हैं या पुराने वाले ही है| या कोई ऐसे संकेत भी नहीं मिले हैं जिनसे पता चले कि जेएन.1 अधिक गंभीर है| किसी भी व्यक्ति को क्या और कितने लक्षण दिख रहे हैं, यह आमतौर पर उस व्यक्ति की इम्यूनिटी और ओवरऑल हेल्थ पर निर्भर करता है|

क्या नया वैरिएंट चिंता का विषय है

संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. अमीत द्रविड़ का कहना है, ‘वायरस मजबूत होने के लिए म्यूटेट होता है और यह प्रोसेस जारी रहेगी| अभी तक हम अस्पतालों में ऊपरी श्वसन पथ के हल्के संक्रमण का इलाज कर रहे है| हालांकि, मामलों में बढ़ोतरी की संभावना है क्योंकि वैरिएंट इम्यूनिटी को बेअसर कर सकता है| वैक्सीन की दूसरी डोज उन लोगों के लिए जरूरी है जिन्होंने अभी तक एक डोज ही ली है| गले में खराश या खरोंच, थकान, सिरदर्द, शरीर में दर्द, खांसी, बुखार जैसे लक्षण ही सामने आए हैं, कोई विशेष लक्षण नजर नहीं आ रहे है|