जातिवाद में बटा हिन्दू, जिस वजह से भाजपा को उठाना पड़ा नुकसान

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को इस बार के लोकसभा चुनाव में काफी नुकसान हुआ है। पूर्व से लेकर पश्चिम तक और उत्तर से लेकर दक्षिण तक भाजपा को काफी नुकसान उठाना पड़ा। सबसे बड़ी बात ये है की भाजपा को अयोध्या में भी हार का सामना करना पड़ा। जहां विश्व की सबसे बड़ी धरोहर प्रभु श्री राम का भव्य मंदिर बनाया गया है। जिसके लिए हिंदू पांच सौ वर्षों से इंतजार कर रहा था। भाजपा को हिंदुत्व के हित में काम करने जैसे राम मंदिर, CAA, कश्मीर से धारा 370 हटाने जैसे मुद्दों पर भी वोट नहीं मिला। नतीजा ये रहा की पहली बार भाजपा बहुमत से दूर है। हालाकि NDA को पूर्ण बहुमत मिला है।

भाजपा को जहां ब्राम्हण, वैश्य, क्षत्रिय, कायस्थ का साथ मिला तो वही उसे यादव, मौर्या, कुर्मी, जाटव, SCST, ओबीसी का साथ भरपूर नहीं मिला। ये सभी जातियां क्षेत्रीय दलों में बट गई जिसका खामियाजा ये हुआ कि भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ा। भाजपा के कई दिग्गजों को भी हार का सामना करना पड़ा। अमेठी से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को कांग्रेस के सामान्य से कार्यकर्ता ने हरा दिया। तो वहीं केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को भी हार का सामना करना पड़ा। इस तरह से कई वीआईपी सीटों पर भी भारतीय जनता पार्टी को नुकसान का सामना करना पड़ा। भाजपा को उम्मीद थी कि इस बार वह 400 से अधिक सीटें लाकर देश में प्रचंड बहुमत वाली सरकार बनाएंगे और कई देश हित में कई बड़े फैसले लेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हो सका और अब इस बार भाजपा को सरकार बनाने के लिए भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि एनडीए के दो मुख्य दल नीतीश कुमार और चांद बाबू नायडू अगर भाजपा से अलग हुए तो भाजपा को सरकार बनाना काफी मुश्किल हो जाएगा। नीतीश कुमार के बारे में वैसे भी माना जाता है कि वह जिसका पलड़ा भारी देखते हैं उधर ही चले जाते हैं। ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि वह इंडी गठबंधन के साथ जा सकते हैं।

भाजपा को उम्मीद थी की राम मंदिर बनने पर हिन्दू एक हो जायेगा, वो आपस में नहीं बटेगा। लेकिन खासतौर से उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे राज्यों में ऐसा देखने को मिला। इन दोनों राज्यों में यादव, मौर्य, कुर्मी, एससीएसटी, ओबीसी ने क्षेत्रीय दलों पर ज्यादा भरोसा किया और उन्हीं को वोट दिया।

By Anup