भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) को आज उसका पहला C-295 टैक्टिकल मिलिट्री ट्रांसपोर्ट प्लेन मिल गया| इसे वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल वीआर चौधरी स्पेन के सेवील में एयरबस कंपनी के अधिकारियों से रिसीव किया| भारत में इसे टाटा कंपनी बनाएगी| स्पेन में इसे एयरबस बना रही है| जानिए इस विमान की ताकत क्या है|
Indian Air Force के प्रमुख एयर मार्शल वीआर चौधरी स्पेन के सेवील शहर में भारतीय वायुसेना के पहले C-295 टैक्टिकल मिलिट्री ट्रांसपोर्ट प्लेन को एयरबस कंपनी से रिसीव किया| फिलहाल वायुसेना के पायलट्स के पहले बैच ने इस विमान को उड़ाने की ट्रेनिंग ले ली है| दूसरे बैच के ट्रेनिंग की तैयारी चल रही है|
वायुसेना प्रमुख ने कहा कि ये सिर्फ इंडियन एयरफोर्स के लिए ही मील का पत्थर नहीं बल्कि पूरे देश के लिए है| पहला इस वजह से क्योंकि इससे देश की टैक्टिकल क्षमताएं बढ़ेंगी| दूसरा यह आत्मनिर्भर भारत की पहचान बनेगा| यहां से नए दौर की शुरुआत हो रही है|16 विमान स्पेन में बनेंगे लेकिन 17वां भारत में बनाया जाएगा| यह भारतीय एविएशन उद्योग के लिए बड़ी बात है| पहले जानते हैं इसकी ताकत और खासियत के बारे में…
क्रूः दो लोग उड़ाते है|
क्षमताः 73 सैनिक या 48 पैराट्रूपर्स या 12 स्ट्रेचर इंटेसिव केयर मेडवैक या 27 स्ट्रेचर मेडवैक के साथ 4 मेडिकल अटेंडेंट ले जा सकता है| अधिकतम 9250 KG वजन उठा सकता है|
रेंज: 1277 से 4587 किलोमीटर तक (वजन के मुताबिक)|
गतिः अधिकतम 482 किलोमीटर प्रतिघंटा|
अधिकतम ऊंचाईः 13,533 फीट|
विंगस्पैन: 84.8 फीट|
लंबाई: 80.3 फीट|
ऊंचाई: 28.5 फीट|
फ्यूलः 7650 लीटर|
छोटे रनवे पर टेकऑफ-लैंडिंग… इसे टेकऑफ करने के लिए 844 मीटर से 934 मीटर लंबाई वाला रनवे चाहिए. उतरने के लिए सिर्फ 420 मीटर का|
हथियार… इसमें छह हार्डप्वाइंट्स होते हैं. यानी हथियार और बचाव प्रणाली लगाने की जगह| दोनों विंग्स के नीचे तीन-तीन. या फिर इनबोर्ड पाइलॉन्स हो सकते है|
कितने विमान भारत में बनेंगे, कितने स्पेन में
स्पेन और भारत के बीच 56 विमान बनाने का समझौता है| पहले 16 विमान स्पेन में बनेंगे. बाकी के 40 को टाटा एडवांस सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) बनाएगी| टाटा वडोदरा में फैक्ट्री बना रहा है| फैक्ट्री 2026 तक बन जाएगी| टाटा ने पिछले साल नवंबर से 40 सी295 विमानों के लिए मेटल कटिंग का काम शुरू कर दिया है|
हैदराबाद फिलहाल इसकी मेन कॉन्स्टीट्यूंट एसेंबली है| वहां पर कई पार्ट्स जमाएंगे. हैदराबाद फैसिलिटी एयरक्राफ्ट के प्रमुख हिस्सों को फैब्रिकेट करेगी|इसके बाद उसे वडोदरा भेजा जाएगा| वडोदरा में सभी C-295 विमान को अंतिम रूप दिया जाएगा| जिसमें इंजन लगेगा|इलेक्ट्रॉनिक्स सेट किए जाएंगे| इसके बाद उसे वायुसेना को दिया जाएगा| माना जा रहा है 32वें नंबर का विमान स्वदेशी होगा|
भारत के लिए क्यों जरूरी हैं ये विमान
– भारतीय वायुसेना के लिए ट्रांसपोर्ट विमान बेहद जरूरी हैं| ताकि सैनिकों, हथियारों, ईंधन और हार्डवेयर को एक जगह से दूसरी जगह पहुचा सकें| इसमें C295 कम वजन के ट्रांसपोर्टेशन में मदद करेगा|
– C295 विमान इंडियन एयरफोर्स के पुराने HS748 एवरोस विमानों की जगह लेंगे|इसके अलावा यूक्रेन से आए एंतोनोव एएन-32 को बदला जाएगा|