आज पूरा देश पहली बार बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी की याद में वीर बाल दिवस मना रहा है

सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह जी के 4 पुत्र यानी चार साहिबजादो को उनकी शहादत को नहीं बुलाया जा सकता
चमकोर युद्ध करते वक्त दो बड़े साहिबज़ादे अजीत सिंह और जुझारू सिंह शहीद हो गए वहीं दूसरी तरफ गुरु गोविंद सिंह जी के दो मासूम बच्चे महज 9 साल के जोरावर सिंह और 6 साल के फतेह सिंह को उनकी दादी के साथ गंगू रसोइए ने मक्कारी से वजीर खान को पकड़वा दिया l

पूरी रात ठंडे किले में रखने के बाद 26 दिसंबर 1705 को दोनों मासूम बच्चों को इस्लाम धर्म कबूल करने को कहा लेकिन दोनों वीर बालकों ने ना ही अपना सर झुकाया और ना ही इस्लाम धर्म कबूल किया l

उन्होंने जोर से चिल्ला कर कहा वाहेगुरु जी का खालसा वाहेगुरु जी की फतेह जिसे सुनकर वजीर खान की आंखों में खून उतर आया और उसने दोनों मासूम बच्चों को दीवारों में चुनवा दिया l

इस साल 9 जनवरी 2022 श्री गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने साहिबज़ादे जोरावर सिंह और साहिब जादे फतेह सिंह की शहादत की याद में 26 दिसंबर को बाल दिवस घोषित किया इस बार 26 दिसंबर 2022 को हमारा देश पहला वीर बाल दिवस मनाएगा

लगभग 300 साल बाद भी आज उन मासूम बच्चों की शहादत और वीरता को हम भुला नहीं सकते धर्म और देश की रक्षा के लिए उन मासूम बच्चों ने सर नहीं झुकाया बल्कि देश का सर हमेशा के लिए ऊंचा कर दिया देश की सरजमीं पर पैदा होने वाले ऐसे सुर वीरों को स्वाभिमान टीवी नमन करता है उनकी वीरता की गाथा देश के हर व्यक्ति को हर बच्चे को मालूम होनी चाहिए

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