साल 2015 से वायु सेना की अधिकारी रहीं मनीषा पाढ़ी ने देश की पहली महिला एडीसी बनकर इतिहास अपने नाम कर लिया है| राज्यपाल ने इस मौके पर खुशी जताई हैं और महिला सशक्तिकरण का समर्थन जारी रखने की आशा की है|मनीषा का परिवार भुवनेश्वर में रहता है|

भारतीय वायु सेना की एक महिला अधिकारी तब सुर्खियों में आ गईं, जब उन्होंने महिलाओं के प्रति बांधी गई एक लैंगिक सीमा को तोड़ते हुए इतिहास अपने नाम कर लिया| हम बात कर रहे हैं वायु सेना की एक महिला अधिकारी स्क्वाड्रन लीडर मनीषा पाढ़ी की| मनीषा पाढ़ी को हाल ही में महिला सहायक-डी-कैंप यानी एडीसी के रूप में नियुक्त किया गया है|

मनीषा देश की पहली महिला एडीसी बन गई हैं| मिजोरम के राज्यपाल डॉ हरि बाबू कुंभपति ने साल 2015 बैच की वायु सेना अधिकारी रहीं मनीषा पाढ़ी को पहली महिला एडीसी के रूप में नियुक्त किया है|

इस खास मौके पर राज्यपाल डॉ हरि बाबू कुंभपति ने बधाई देते हुए लिखा, ”स्क्वाड्रन लीडर मनीषा पाधी को एड-डी-कैंप के रूप में उनकी नियुक्ति पर हार्दिक बधाई|” उन्होंने आगे शुभकामनांऐ देते हुए लिखा कि मैं इस क्षेत्र में मनीषा की अच्छे भविष्य की कामना करता हूं|

राज्यपाल ने महिलाओं के समर्थन पर जोर देते हुए आगे कहा, ”मनीषा की नियुक्ति न सिर्फ एक मील का पत्थर है| बल्कि महिलाओं के प्रति लैंगिक मानदंडो को तोड़ने और अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाने का जश्न है तो आइए इस ऐताहासिक उपलब्धि का जश्न मनाएं और हर क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण का समर्थन करना जारी रखें|”

स्क्वाड्रन लीडरमनीषा ने बुधवार को अपना पद ग्रहण किया और राज्यपाल को रिपोर्ट किया| यहां उन्हें राजभवन में राज्य के अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों से मिलवाया गया| सभी अधिकारियों ने पहली एडीसी का जोरदार स्वागत भी किया|

इससे पहले मनीषा पाढ़ी एयरफोर्स, वायु सेना स्टेशन, पुणे, बिदार और भटिंडा में कई अलग-अलग पदों पर काम कर चुकी है| मनीषा का घर ओडिशा के बलरामपुर शहर में है| उनका परिवार भुवनेश्वर में रहता है| मनीषा की इस उपलब्धि के बाद पूरे गांव में खुशी की लहर है|

गौरतलब हैं कि भारत में एड-डी-कैंप एक ऐसे सम्मान की उपाधि है, जिसे पोस्ट-नॉमिनल लेटर एडीसी से सम्मानित किया जाता है| कि भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के प्रमुख सहित सेवा प्रमुखों के पास आमतौर पर तीन सहायक डे-कैंप होते हैं और राष्ट्रपति के पास पांच सहायक डे-कैंप होते है|