आरटीआई एक्टिविस्ट ने किए बड़े बड़े खुलासे, आप भी बन सकते है एक्टिविस्ट

आरटीआई एक्टिविस्ट भारत में ऐसे व्यक्ति होते हैं जो आरटीआई (अधिकृतता के अंतर्गत सूचना) अधिनियम, 2005 के तहत सूचना के अधिकार का प्रयोग करते हैं और सरकारी संगठनों और निजी संगठनों से सूचना प्राप्त करने की मांग करते हैं। इन एक्टिविस्ट्स को अक्सर सार्वजनिक प्रशासनिक एवं कार्यपालिका एवं न्यायिक अधिकारियों की आरटीआई अनुमति का प्रयोग करना पड़ता है।

आरटीआई एक्टिविस्ट के मुख्य कार्यालयां राष्ट्रीय स्तर पर “केंद्रीय सूचना आयोग” (Central Information Commission) और राज्य स्तर पर “राज्य सूचना आयोग” (State Information Commission) होते हैं। इन आयोगों के तहत एक्टिविस्ट्स सूचना के अधिकार के उल्लंघन के मामलों की शिकायतों को दर्ज करवा सकते हैं और सूचना के प्राप्ति का आग्रह कर सकते हैं।

आरटीआई एक्टिविस्ट के माध्यम से सामान्य लोग और संगठन सरकारी संगठनों के कार्यों और निर्णयों के संबंध में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और सरकारी संगठनों को जवाबदेह कर सकते हैं। यह उनके लिए जानकारी की पहुंच में संविधानिक अधिकार का प्रयोग करने का एक माध्यम होता है।

आरटीआई एक्टिविस्ट को आरटीआई अधिनियम के अंतर्गत दी गई सूचना के अधिकार का प्रयोग करने का विशेष अधिकार होता है। वे आरटीआई अधिनियम के अनुसार सूचना के अधिकार के उल्लंघन के मामलों की शिकायत कर सकते हैं और अपील दायर कर सकते हैं यदि उन्हें यात्रा की सूचना नहीं मिलती है या उनकी शिकायतों पर सुनवाई नहीं होती है। वे सूचना के अधिकार के प्रयोग से संबंधित मामलों में अदालती कार्यवाही करवा सकते हैं।

आरटीआई एक्टिविस्ट्स भारतीय जनता को सशक्त करने और सरकारी प्रशासन को जवाबदेह बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे सुनिश्चित करते हैं कि सूचना का उचित प्रयोग हो रहा है और सार्वजनिक संस्थाओं के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही का मानदंड बना रहे हैं।

 

By Anup