एक ऐसा कानून जिसने किए बड़े बड़े खुलासे, आम आदमी की ताकत, जाने सबकुछ

आरटीआई (आरामदायक तथा तत्काल सूचना का अधिकार) कानून, 2005 भारतीय संविधान की धारा 19(1)(a) के तहत बनाया गया है। यह कानून भारतीय नागरिकों को सरकारी और निजी संगठनों के बारे में सूचना प्राप्त करने का अधिकार प्रदान करता है। इसका मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक प्रशासन को खुला, जांचने योग्य, और पारदर्शी बनाना है ताकि लोगों को सरकारी और निजी संगठनों के कामकाज के बारे में सही और यथार्थ सूचना मिल सके।

आरटीआई डालने की प्रक्रिया निम्नलिखित तरीके से संपन्न होती है:

आरटीआई डालने के लिए, आपको अपने नजदीकी सरकारी विभाग या संगठन के लिए आरटीआई अधिकारी के पास एक आरटीआई आवेदन देना होगा।
आवेदन में आपको आरटीआई के अधिकार के लिए योग्य आधार देना होगा, जैसे कि आपका नाम, पता, संपर्क जानकारी, और आपकी यात्रा का विषय। आपको सूचना की प्राथमिकता के साथ अपने आरटीआई आवेदन को भी स्पष्ट करना होगा।
एक बार जब आपका आरटीआई आवेदन सम्पूर्ण हो जाता है, आपको नियुक्त आरटीआई अधिकारी द्वारा आपके आवेदन की स्थिति और आरटीआई का फैसला किया जाएगा। आपको सामान्यतया 30 दिनों के भीतर सूचना प्राप्त करनी चाहिए, लेकिन कुछ मामलों में यह समय बढ़ सकता है।
अगर आपका आरटीआई आवेदन अस्वीकार किया जाता है या आपको पूरी सूचना नहीं मिलती है, तो आपको आपत्ति करने का अधिकार होता है। आप आरटीआई अधिकारी के पास अपील कर सकते हैं और उच्चतम अदालत में भी जाने का विकल्प होता है।
आरटीआई कानून को भारतीय संविधान के तहत बनाया गया था, जिसे राष्ट्रपति द्वारा सन् 2005 में संविधान द्वारा स्वीकृति मिली। यह कानून 12 अक्टूबर 2005 को पूर्णतः प्रभावी हुआ। इसका उद्घाटन मानव संसाधन विकास मंत्री द्वारा किया गया था। आरटीआई कानून के बाद से, यह अधिकार भारत के नागरिकों को सरकारी सूचना प्राप्त करने में सहायता करने के लिए एक महत्वपूर्ण कानूनी माध्यम बन गया है।

इस तरह, आरटीआई अधिकार कानून भारतीय नागरिकों को सरकारी और निजी संगठनों के बारे में सूचना प्राप्त करने का अधिकार प्रदान करता है और इसका मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक प्रशासन को पारदर्शी और जांचने योग्य बनाना है।

आरटीआई के तहत, नागरिक सरकारी और निजी संगठनों से विभिन्न प्रकार की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यहां कुछ आम जानकारियां दी गई हैं जो आप आरटीआई के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन ये सिर्फ उदाहरण हैं और इससे सीमित नहीं हैं:

सरकारी दस्तावेज़: आप आरटीआई के माध्यम से सरकारी दस्तावेज़ जैसे कि विधान, नियम, नीतियां, सरकारी आदेश, रिपोर्ट, निर्णय, अनुसूचियां, आपूर्ति आदि की प्राप्त कर सकते हैं।

विभागीय जानकारी: आप सरकारी विभागों से अपने विभागीय जानकारी जैसे कि योजनाएं, बजट, नौकरी के आवेदन प्रक्रिया, परिणाम, नये परियोजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

बजट और व्यय: आप आरटीआई के तहत सरकारी विभागों के व्यय और बजट की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसमें सरकारी कार्यक्रमों, परियोजनाओं, वेतन व्यय, आर्थिक मामलों, और सशस्त्र बलों के खर्च के बारे में जानकारी शामिल हो सकती है।

लोक सुविधाएं: आप आरटीआई के माध्यम से लोक सुविधाओं की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं जैसे कि विद्युत, पानी, सड़कों, ग्रामीण विकास योजनाएं, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, नगर निगम की सुविधाएं आदि।

आपूर्ति और कीमत: आप विभिन्न उत्पादों और सेवाओं के बाजार मूल्य, महंगाई दरें, सब्सिडी, अनुदान, कीमत नियंत्रण आदि की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

ये सिर्फ कुछ उदाहरण हैं और आरटीआई के माध्यम से आप इससे अधिक विस्तृत और विवरणीक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आप अपने आरटीआई आवेदन में अपनी आवश्यकताओं को स्पष्ट कर सकते हैं और उसके आधार पर जानकारी की मांग कर सकते हैं।

By Anup