नाथनगरी में संघ का शिवनाद, विकल्प अनेक बिखरने का बिगड़ने का, संकल्प एक संवरने का संभलने का: राजपाल
बरेली, 5 फरवरी। बरेली में आज आरएसएस ने शिव नाद कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमे संघ की शाखाओं से जुड़े स्वयंसेवकों आत्मरक्षा के कई प्रदर्शन किए। आत्मरक्षा के लिए दक्षिण भारत का चिरुआउड़ी नामक छोटे दंड के रूप में यष्टी प्रयोग करके दिखाया कि यह यष्टी आत्मरक्षा हेतु किस तरह से प्रयोग किया जाना चाहिए दीनदयाल नगर ने दंड का प्रयोग किया। एक बार तो ऐसा लगा की स्वयंसेवक आपस में लड़ गए हो। एक दुसरे पर स्वयंसेवक लाठिया लेकर दौड़ पड़े। दरअसल ये एक तरह का अभ्यास था आत्मरक्षा का। जब कभी ऐसी स्थिति बनेगी तो कैसे अपने प्राणों की रक्षा की जाए।
एमबी इंटर कालेज ग्राउंड में हुए कार्यक्रम में संघ के शाखा से जुड़े स्वयंसेवकों ने अपने भिंन्न भिन्न प्रयोगों का प्रदर्शन किया। 12 नगरों ने 12 प्रकार के प्रयोग किए इसके पश्चात सभी ने सामूहिक योग किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य संघ की शाखाओं में प्रतिदिन होने वाले अभ्यास एवं प्रयास को समाज के समक्ष रखने हेतु यह शिवनाद कार्यक्रम नाथ नगरी बरेली महानगर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने आयोजित किया था। संघ की शाखा पर दक्षिण भारत का चिरुआउड़ी नामक छोटे दंड के रूप में यष्टी प्रयोग करके दिखाया कि यह यष्टी आत्मरक्षा हेतु किस तरह से प्रयोग किया जाना चाहिए। दीनदयाल नगर ने दंड का प्रयोग किया और दंड के साथ दंड युद्ध किस प्रकार से किया जा सकता है साथ ही आत्मरक्षा के हेतु किस प्रकार से दंड का हम प्रयोग कर सकते हैं। उसी में मालवीय नगर ने नियुद्ध का प्रदर्शन किया जिसमें भारतीय मार्शल आर्ट का उपयोग कैसे किया जा सकता है। विवेकानंद नगर ने संघ की शाखा में होने वाले विभिन्न खेलों को प्रदर्शित किया। जिसमें सामूहिकता हो और आपस में मिलकर राष्ट्रहित के लिए अपना सर्वस्व दिया जा सके। ऐसी भावना को भरते हुए यह खेल प्रदर्शित किए गए तो माधवनगर ने पर्वतीय संघ गीत का प्रदर्शन किया। संघ की शाखा पर संघ गीत राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत करते है तो केशव नगर ने योगासनों का प्रदर्शन किया। धोपेश्वर नगर ने विजय वाहिनी का प्रदर्शन किया। यदि आतंकवाद संकट राष्ट्र के ऊपर आता है तो राष्ट्र के ऊपर आए हुए किसी भी प्रकार के संकट से आप किस प्रकार मुकाबला ले सकते हैं इस बात का प्रदर्शन विजयवाहिनी में सीखते हैं। शिवाजी नगर एवं सावरकर नगर में घोष का प्रदर्शन किया गया। विभिन्न प्रकार की शास्त्रीय धुनों पर अपना घोष का प्रदर्शन किया। हरिनगर ने समता का प्रदर्शन किया। संघ की शाखाओं पर किस प्रकार से स्वयंसेवक गण में चलते हैं अभ्यास करते हैं यह सभी बात अनूठी होती है इसका प्रदर्शन भी आज किया गया।
अंत में सह प्रांत कार्यवाह राजपाल जी ने अपने बौद्धिक में कहा कि संघ की प्रत्येक शाखा स्वयंसेवकों के मध्य व्यक्तित्व निर्माण चरित्र निर्माण उनके शारीरिक स्वास्थ्य उनका बौद्धिक क्षमता बढ़ाने का एक अनूठा माध्यम है। इस शाखा से ही हम राष्ट्र के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले स्वयंसेवक बनते हैं और यही बात सर्व हिंदू समाज को सर्व समाज को बताने हेतु यह शिवनाद कार्यक्रम किया गया। उन्होंने कहा कि हमें बिगड़ने के विकल्प तो बहुत हैं पर सवरने के संकल्प एक है। हम आज समाज में फैली हुई तमाम कुरीतियों से बचने के लिए एवं अपने जीवन को अपने राष्ट्र को संवारने के लिए संघ की शाखा से जुड़ सकते हैं और हमें जुड़ना चाहिए भी।
कार्यक्रम में विभाग संघचालक केसी गुप्ता, महानगर संघचालक डॉ सत्यपाल, सहविभाग संघचालक अतुल खंडेलवाल, सहविभाग कार्यवाह हरिश्चंद्र, विभाग प्रचारक ओमवीर, विभाग शारीरिक प्रमुख त्रिवेंद्र, क्षेत्रीय छात्रावास प्रमुख राधेश्याम, महानगर पालक अधिकारी मुनीष, महानगर प्रचारक मयंक साधु, महानगर कार्यवाह विमल, महानगर शारीरिक प्रमुख विशेष भारत, सहमहानगर कार्यवाह धर्मेंद्र, भाग प्रचारक शेखर महानगर प्रचार प्रमुख आलोक प्रकाश, सहप्रचार प्रमुख समर्थ अरोड़ा, आदि उपस्थित रहे कार्यक्रम की गरिमा शहर से उपस्थित तमाम गणमान्य नागरिकों ने बढ़ाई।