कांग्रेस सांसद धीरज साहू के परिसरों में पड़ी आयकर विभाग की छापेमारी में अभी तक 351 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हो गई है| हालत ये है कि नोट गिनते गिनते इंसान नहीं, मशीनें भी थक जा रही है| आयकर विभाग का मानना है कि बेहिसाब पैसे का पूरा भंडार धीरज साहू और उनसे जुड़े हुए व्यापारिक समूह, वितरकों और अन्य लोगों द्वारा देशी शराब की नकद बिक्री से अर्जित किया गया है| यह देश में किसी एजेंसी द्वारा की गई कार्रवाई में अब तक की सबसे अधिक नकदी जब्ती है|
आयकर विभाग उन अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों के बयान भी दर्ज कर रहा है जो तलाशी अभियान के दौरान उन जगहों पर मौजूद थे| आयकर विभाग जल्द ही कंपनी के मुख्य प्रमोटरों को अपने बयान दर्ज करने के लिए समन जारी करेगा| अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि साहू के घर से कितनी नकदी और अन्य दस्तावेज जब्त किए गए|
इससे पहले 2019 में सबसे अधिक कैश कानपुर से बरामद हुआ था जब जीएसटी इंटेलिजेंस ने एक व्यवसायी के घर पर छापा मारा था और 197 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की थी| इसी तरह का एक अन्य मामला 2018 में तमिलनाडु में सामने आया था जहां एक सड़क निर्माण फर्म के खिलाफ आयकर विभाग ने तलाशी के दौरान 163 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की थी| आइए जानते हैं वो धीरज साहू के अलावा वो चार चर्चित मामले जहां बड़ी संख्या में कैश बरामदगी हुई-
यूपी कानपुर– 2021 में यूपी में इत्र कारोबारी पीयूष जैन के कन्नौज और कानपुर के ठिकानों से 207 करोड़ रुपये (196.54 करोड़ रुपये नकद और 23 किलो सोना) जब्त किए गए थे| इसके बाद आगे की पूछताछ के लिए पीयूष को गिरफ्तार कर किया गया था पूछताछ और अदालती कार्रवाई के बाद उन्हें सितंबर 2022 में बेल मिली थी|
पीयूष ने इस संबंध में बाद में अदालत में एक अर्जी दाखिल की है| इस अर्जी में पीयूष जैन ने साफ़ तौर पर कहा, ‘मेरे ऊपर टैक्स चोरी और पेनाल्टी समेत 52 करोड़ रुपए का टैक्स बनता है, ऐसे में डायरेक्टरेट ऑफ़ जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) 52 करोड़ रुपए काटकर बाकी रकम मुझे वापस कर दे| इसके बाद ये बात निकलकर सामने आई है कि पीयूष जैन और उनके 11 साथियों को टैक्स और जुर्माने के तौर पर 497 करोड़ रुपये चुकाने होंगे|
महाराष्ट्र– अगस्त 2022 में महाराष्ट्र के जालना में आयकर विभाग ने स्टील, कपड़ा व्यपारी और रियल एस्टेड डेवलपर के यहां छापेमारी की थी जिसमें बड़ी मात्रा मे बेनामी संपत्ति विभाग को मिली| करीब 390 करोड़ की बेनामी संपत्ति को आयकर विभाग ने जब्त किया था जिसमें 58 करोड़ रुपये कैश, 32 किलो सोना, हीरे-मोती के दाने और कई प्रॉपर्टी के कागजात शामिल थे|
तमिलनाडु– 2018 में तमिलनाडु में आयकर विभाग ने राजमार्ग निर्माण के काम में लगी एक कंपनी के परिसरों पर छापेमारी के दौरान 163 करोड़ रूपये नकद एवं 100 किलोग्राम सोना जब्त किया था|
पश्चिम बंगाल– तृणमूल कांग्रेस सरकार में पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी पर जब ईडी ने छापेमारी की थी तो इस दौरान 49.80 करोड़ रुपये नकद, कई प्रॉपर्टीज, आभूषण और गोल्ड बार बरामद की थी|ये नकदी अर्पिता मुखर्जी के अपार्टमेंट से मिली थी|
ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि अगर घर में बहुत सारा कैश मिलता है तो क्या वह काला धन यानि ब्लैक मनी है| उत्तर है कि कैश हमेशा काल धन नहीं होता है लेकिन अधिकतर मामलों में कालेधन का कारोबार नकदी में ही होता है| बहुत से लोग या कारोबारी घर में काफी कैश रखते हैं, इसमें हैरानी की कोई बात नहीं है| अगर आपके घर आयकर विभाग की छापेमारी में बहुत कैश मिलता है तो सबसे पहले उस पैसे का आपको वाजिब सोर्स बताना होगा अगर ऐसा नहीं कर पाते हैं तो इनकम टैक्स कैश को जब्त कर लेगी और आपको 137 प्रतिशत तक का जुर्माना देना पड़ सकता है|
एक्सपर्ट के मुताबिक जो कैश बरामद हुआ है उससे 60 फीसदी टैक्स काटकर धीरज साहू को लौटाया जा सकता है लेकिन उन्हें साबित करना होगा कि उन्होंने इसे टैक्स ना भरकर अर्जित किया है| लेकिन अगर साबित हो गया कि यह कैश अवैध रूप से जुटाया गया था यानि अगर धीरज साहू साबित नहीं कर पाए कि कैश या जेवर उनके पास है, वह उन्होंने अपने कारोबार से नहीं जुटाया है तो उन पर आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज होगा और पैसा भी वापस नहीं मिलेगा|
धीरज साहू के यहां से जो रकम बरामद की गई है उसे बैंक की सेफ कस्टडी में रखा जाएगा और फिर इनकम टैक्स उनसे नोटिस भेजेगा जिसमें उनके पास बरामद हुई नकदी और अन्य संपति का विवरण होगा| उन्हें इन सबका सोर्स बताना होगा जिसके लिए कुछ दिन का समय मिलेगा| उनके जवाब का आयकर विभाग अससेमेंट करेगा| अगर फैसला धीरज साहू के पक्ष में नहीं आता है तो वह अपीलेट ट्रिब्यूनल में अपील कर सकेंगे|