मुंबई हमले के आरोपी आतंकी हाफिज सई को लेकर पाकिस्तानी मीडिया ने बड़ा दावा किया है| PAK मीडिया ने दावा किया है कि भारत ने पाकिस्तान से आतंकी हाफिज सईद को हिंदुस्तान के हवाले करने की मांग की है| वहां के मीडिया के मुताबिक भारत सरकार ने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय से आतंकी कौ सौंपने की मांग की है| यह दावा पाकिस्तानी मीडिया इस्लामाबाद पोस्ट ने किया है| दावे के मुताबिक भारत सरकार ने औपचारिक रूप से पाकिस्तान से हाफिज सईद के प्रत्यर्पण का अनुरोध किया है| इस्लामाबाद पोस्ट के दावे के मुताबिक राजनयिक सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को भारत सरकार से आधिकारिक अनुरोध मिला है, जिसमें हाफिज सईद के प्रत्यर्पण के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू करने का आग्रह किया गया है|
हाफिज मोहम्मद सईद मुंबई में 26/11 आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है| इस हमले में छह अमेरिकियों समेत 166 लोग मारे गए थे| अमेरिका ने भी उसके संगठन को आतंकी घोषित कर रखा है| यूएस ने उस पर 1 करोड़ डॉलर का इनाम रखा है. फिलहाल, लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक हाफिज मोहम्मद सईद प्रतिबंधित जमात-उद-दावा के कुछ अन्य नेताओं के साथ 2019 से जेल में है| उसे आतंकी फंडिंग मामलों में दोषी ठहराया गया है| सईद के नेतृत्व वाला JuD लश्कर-ए-तैयबा का फ्रंटल संगठन है, ये 2008 के मुंबई हमले को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार है|
कहने के लिए हाफिज सई पाकिस्तान में 2019 से जेल के अंदर है, लेकिन आज भी वहां की राजनीति से लेकर आर्मी तक उसका बोलबाला है| पाकिस्तान में उसके रसूख का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान में फरवरी 2024 के आम चुनाव में आतंकी हाफिज सईद की पार्टी पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग भी मैदान में उतर रही है| उसने देशभर में प्रत्येक राष्ट्रीय और प्रांतीय विधानसभा क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार खड़े किए है| हाफिज ने अपने बेटे तल्हा सईद को भी उम्मीदवार बनाया है|
हाफिज सईद का बेटा लाहौर से चुनाव लड़ रहा है| इतना ही नहीं, हाफिज से जुड़ा संगठन पाकिस्तान की जनता को बरगलाने के लिए सियासी एजेंडा लेकर भी आया है| उसकी पार्टी चुनाव में इस्लामिक स्टेट का सपना दिखा रही है| मुंबई के 26/11 हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को नवंबर 2020 में टेरर फंडिंग के दो मामलों में पंजाब की आतंकवाद निरोधी अदालत 10 साल जेल की सजा सुना चुकी है| इतना ही नहीं कोर्ट ने सईद की संपत्ति को भी जब्त करने व 1.1 लाख रुपये के जुर्माने का भी आदेश दिया था|