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JDU में आज किसका ‘तीर’ निशाने पर लगेगा और कमान किसके हाथ जाएगी

आज दिल्ली में जनता दल यूनाइटेड की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक है| इस बैठक को लेकर अटकलें हैं कि ललन सिंह जेडीयू अध्यक्ष पद की कुर्सी छोड़ सकते हैं और खुद नीतीश कुमार जेडीयू की कमान अपने हाथ में ले सकते है|

आज का दिन जेडीयू  ही नहीं बल्कि बिहार की सियासत के भी अहम दिन है| सुबह 11.30 बजे जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी और इसके बाद फिर शाम बजे होगी राष्ट्रीय परिषद की बैठक होगी| इन बैठकों के बाद शाम 5.30 बजे जेडीयू के शीर्ष नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे| पार्टी अध्यक्ष ललन सिंह अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं और नीतीश कुमार को अध्यक्ष बनाने प्रस्ताव का रख सकते है| कार्यकारिणी बैठक में जेडीयू राजनीतिक और आर्थिक प्रस्ताव पास करेगी और बीजेपी तथा सरकार की नीतियों पर जमकर हमला बोलेगी|

इससे पहले गुरुवार को हुई बैठक के बाद ललन सिंह ने अपने इस्तीफे के सवाल पर कहा था जैसा कि मैंने पहले कहा था कि अगर मैं इस्तीफा देता हूं तो मैं आपको सूचित करूंगा| बैठक से पहले ललन सिंह ने नीतीश कुमार से मुलाकात की और इस दौरान क्या बात हुई ये बात में पता चलेगा| लेकिन सवाल अब भी बना हुआ है कि क्या नीतीश कुमार ललन सिंह को अध्यक्ष पद से हटाकर खुद पार्टी की कमान संभालेंगे और दूसरा सवाल ये कि क्या आज होने वाली बैठक में नीतीश बीजेपी के साथ जाने को लेकर कोई चर्चा करेंगे| नीतीश की चुप्पी सवालों को धार दे रही है, मगर ललन सिंह बिफरे हुए हैं,वो सारा ठीकरा मीडिया पर फोड़ रहे है|

जेडीयू में जिस तरह का सस्पेंस चल रहा है उसे लेकर अटकलों का बाजार गर्म है| इन अटकलों को बल मिल रहा है दिल्ली में जेडीयू दफ्तर के बाहर की इन तस्वीरों से जिसमें सिर्फ नीतीश कुमार नज़र आ रहे हैं और ललन सिंह आउट है| ऐसे में उनकी विदाई को लेकर कयासबाजी जारी है| तो क्या ये जेडीयू में बदलाव के संकेत हैं? कहा जा रहा है कि ललन सिंह के इस्तीफे के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी नीतीश कुमार अपने पास ही रख सकते है| क्योंकि अगर किसी अन्य नेता को अध्यक्ष बनाया गया तो पार्टी नेताओं को अंदर विरोधाभास हो सकता है| इसीलिए ऐसा माना जा रहा है कि नीतीश कुमार अपने पास ही पार्टी के अध्यक्ष पद की कमान रख सकते है|

नीतीश कुमार ही वह नेता थे जिन्होंने INDIA गठबंधन की नींव रखने में अहम भूमिका निभाई थी| जैसे-जैसे गठबंधन आकार लेता गया तो वैसे-वैसे नीतीश का रोल कम होता हुआ दिखाई दिया और कांग्रेस फ्रंट में आ गई| नीतीश कुमार को INDIA गठबंधन का संयोजक बनाने की मांग उठी थी लेकिन उस पर भी कोई सहमति या फैसला ना हो सका है| बाद में जिस तरह ममता बनर्जी ने पीएम पद के लिए खड़गे का नाम आगे बढ़ाया तो उससे भी नीतीश कुमार को निराशा हाथ लगी| नीतीश खुद को केंद्र की राजनीति में सक्रिय करना चाहते हैं, ऐसे में संभव है कि आज वह कोई अहम फैसला ले ले|

ललन सिंह की आरजेडी से करीबी की चर्चा थी| नीतीश कुमार के साथ ही जेडीयू के तमाम सांसद-विधायक जहां अपने पुराने गठबंधन में सहयोगी रही बीजेपी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर सीधा हमला बोलने से बचते नजर आते हैं| वहीं, ललन सिंह संसद के भीतर और बाहर बीजेपी को लेकर काफी आक्रामक थे| दिल्ली में हुई इंडिया गठबंधन की बैठक में भी जब ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री पद के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम का प्रस्ताव रखा, तब भी ललन सिंह के मौन और नीतीश के साथ पटना लौटने की जगह उस दिन आना जिस दिन लालू और तेजस्वी लौटे, इसे भी नीतीश कुमार के खफा होने की वजह बताया जा रहा है|