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तंबाकू प्रयोग और कैंसर के बीच गहरा संबंध, तबाकू से होता है मुंह, गले और फेफड़ों का कैंसर: डॉ अर्जुन अग्रवाल

तंबाकू प्रयोग और कैंसर के बीच गहरा संबंध, तबाकू से होता है मुंह, गले और फेफड़ों का कैंसर: डॉ अर्जुन अग्रवाल

 

बरेली, 31 मई। तंबाकू स्लो पॉयजन है जो इंसान के शरीर को खोखला कर देता है। तंबाकू से कैंसर के साथ साथ air भी कई सारी गंभीर बीमारीया होती है। ऐसे में तंबाकू से होने वाली बीमारियो पर विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर स्वाभिमान टीवी ने बात की देश के जाने माने रुहेलखंड कैंसर हॉस्पिटल के कैंसर सर्जन डॉ अर्जुन अग्रवाल और डॉ लक्ष्मण पांडे से।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day) हर साल 31 मई को मनाया जाता है। ऐसे में तंबाकू से होने वाले खतरों से कैसे बचा जाए, तंबाकू से कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी के बारे में स्वाभिमान टीवी से खास बातचीत में रुहेलखंड कैंसर हॉस्पिटल के कैंसर सर्जन डॉ अर्जुन अग्रवाल ने बताया की यह दिवस तंबाकू के खपत से होने वाले विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए गठित किया गया है, जिसमें कैंसर भी शामिल है। इस दिन को आयोजित करके विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) तंबाकू की खपत और तंबाकू से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं पर जागरूकता फैलाने का प्रयास करता है।

तंबाकू दुनिया भर में एक प्रमुख धूम्रपान उत्पाद है और इसका उपयोग भारत में विशेष रूप से व्यापक रूप से होता है। तंबाकू के उपयोग के कारण, फेफड़ों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं। तंबाकू प्रयोग और कैंसर के बीच गहरा संबंध होता है। तंबाकू उपयोग करने वाले लोगों में कैंसर के कई प्रकार का खतरा बढ़ जाता है, जिनमें सबसे आम रूप से होने वाले कैंसर शामिल हैं:

मुंह और गले का कैंसर: तंबाकू प्रयोग करने से मुंह और गले के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। मुखों में तंबाकू को रखने से तंबाकू के संबंधित उत्पादों का सीधा संपर्क होता है, जो शरीर के इन हिस्सों में कैंसर के विकास को प्रेरित करता है।

तंबाकू वाले उत्पादों का उपयोग करने से फेफड़ों में कई समस्याएं हो सकती हैं। यहां कुछ मुख्य बातें हैं जो तंबाकू के सेवन से फेफड़ों को होने वाली समस्याओं को दर्शाती हैं:

डॉ लक्ष्मण पांडे तंबाकू में मौजूद निकोटीन और कई अन्य कैमिकल्स कार्सिनोजेनिक होते हैं, जो कैंसर का कारण बन सकते हैं। ये विषाणु फेफड़ों में बदलाव करते हैं और लंबी अवधि तक उच्च तापमान पर तंबाकू के साथ संपर्क में आने पर फेफड़ों के कैंसर के विकास के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।

श्वसन संबंधी समस्याएं: तंबाकू का सेवन करने से दमा, ब्रोंकाइटिस, फेफड़ों की संक्रमण और सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ये समस्याएं तंबाकू के सेवन की लंबी अवधि के कारण होती हैं और सांस लेने के प्रणाली को प्रभावित करती हैं।