इंजीनियरिंग के छात्र सुमित ने कर दिया कमाल, आग की लपटों से घिरे दो दोस्तो की बचाई जान, खुद गए जल
इंजीनियरिंग के छात्र सुमित ने अपनी जान जोखिम में डालकर बचाई अपने दोस्तों की जान
दरवाजा तोड़कर आग की लपटों से घिरे दोस्तो को बचाया, खुद घिर गया आग की लपटों में
4 मंजिल की ऊंचाई पर शॉर्ट सर्किट से लगी थी आग, 45 मिनट तक सुमित ने किया संघर्ष
45 मिनट देरी से पहुंची दिल्ली के रोहिणी में फायर ब्रिगेड
बरेली के मढ़ीनाथ में रहने वाले पुलिसकर्मी सर्वेश यादव के बेटे है सुमित
नई दिल्ली/ बरेली, 10 मई। आइए आज हम आपको एक ऐसे जाबांज से मिलवाते है जिसने अपने दोस्तो की जान बचाकर एक मिशाल कायम की है। दिल्ली में रहकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले सुमित के क्वार्टर में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। कुछ ही देर में आग ने विकराल रूप ले लिया। जिसके बाद लोगो की भीड़ लग गई। हर तरफ चीख पुकार मच गई। ऐसे में सुमित ने मसीहा बनकर चौथी मंजिल पर कमरे में फंसे अपने दो दोस्तो को सकुशल बचा लिया। हालाकि इस दौरान सुमित काफी झुलस गया।
सुमित यादव दिल्ली के रोहिणी सेक्टर 22 में रहकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे है। सुमित यादव महाराजा अग्रसेन इंस्टीट्यूट से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे है। सुमित आज अपने घर बरेली के सुभाषनगर थाना क्षेत्र के मढ़ीनाथ स्थित अपने घर पहुंचे तो उनको देखने के लिए लगातार लोग आ रहे है। सुमित की बहादुरी के बारे में जो कोई भी सुन रहा है वो ऐसे बच्चे को एक बार जरूर मिलना चाह रहा है। सुमित की इस जाबाजी को देखकर उनके परिवार में खुशी का माहौल है। सुमित के पिता सर्वेश यादव काफी खुश है।
सुमित ने बताया कि 26 अप्रैल को उनके कालेज में कार्यक्रम था। रात में वही रुक गए थे। सुबह करीब 5 बजे सुमित अपने दूसरे साथी के साथ अपने क्वार्टर पर पहुंचे। काफी देर तक सुमित ने दरवाजा खटखटाया और फोन भी किया लेकिन दरवाजा नहीं खुला। कुछ देर बाद कमरे से धुआं को निकलते देखा तो सुमित और उसके साथी ने किसी तरह से दरवाजा तोड़ा। फिर सुमित आग की लपटों से घिरे अपने दोनो साथियों को बचाने के लिए अपनी जान की परवाह किए बगैर कमरे में घुस गया और फिर एक एक करके दोनो दोस्तो को बचाया। इस दौरान दोनो दोस्त आर्यन गुप्ता और अनुपम कस्तूरिया तो मामूली झुलसे लेकिन सुमित के दोनो हाथ और पीठ काफी झुलस गई। सुमित को फौरन दिल्ली के सरकारी अस्पताल ले जाया गया और अब सुमित बरेली में अपने घर पर है।
सुमित की बहादुरी के बारे में जब उसके कालेज के प्रिंसिपल को पता चला तो उन्होंने सुमित के राष्ट्रपति से प्रशस्ति पत्र दिलवाने के लिए पत्र लिखा है। सुमित की तरह ही हम सभी को हमेशा एक दूसरे का साथ देना चाहिए। सुमित की इस बहादुरी के लिए हम सभी उसे सलाम करते है।