चुनाव से पहले हड़बड़ी में अखिलेश यादव: भाई की जगह चाचा पर जताया भरोसा, बरेली में पूर्व सांसद को बनाया उम्मीदवार
बरेली, 20 फरवरी। लोकसभा चुनाव को लेकर जहां एक ओर भारतीय जनता पार्टी ने 370 सीटें जीतने का दावा किया है, वही लंबे समय से सत्ता से दूर राहुल गांधी न्याय यात्रा निकालकर लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे है, वही अखिलेश यादव पीडीए के जरिए दिल्ली जाने की तैयारी में जुटे है। ऐसे में अखिलेश यादव अपने फैसलों को बार बार बदल रहे है। पहले उन्होंने अपने भाई धर्मेंद्र यादव को बदायू से लोकसभा का उम्मीदवार बनाया और महज तीन दिनों के अंदर उनका अपने भाई पर से भरोसा उठ गया और चाचा को साइकिल लेकर बदायू भेज दिया। अब चाचा शिवपाल यादव साइकिल लेकर बदायू से दिल्ली जाने की तैयारी में जुटेंगे।
दरअसल तीन दिन पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी की थी। जिसमे अखिलेश यादव ने धर्मेंद्र यादव को बदायू से उम्मीदवार बनाया था। वही मंगलवार को आई तीसरी सूची में अखिलेश यादव ने अपने भाई का टिकट काटकर अपने चाचा शिवपाल यादव को बदायू से उम्मीदवार बना दिया।
अखिलेश यादव का इंडिया अलाउंस का साथ गठबंधन होना है, लेकिन राहुल गांधी से अखिलेश यादव की बातचीत बन नही पा रही है। सीटों के बटबारे को लेकर दोनो को बीच अभी तक समझौता नहीं हो सका है। ऐसे में कांग्रेस को अखिलेश यादव झटका देने के लिए उम्मीदवारों की जल्दबाजी में सूची जारी कर रहे है। यही वजह है की अखिलेश यादव को बार बार अपने प्रत्यासी बदलने पड़ रहे है।
बरेली से पूर्व सांसद को अखिलेश यादव ने बनाया उम्मीदवार
अखिलेश यादव ने बरेली लोकसभा से पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन को उम्मीदवार बनाया है। प्रवीण सिंह ऐरन ने 2009 में भाजपा ने 7 बार लगातार सांसद रह चुके संतोष गंगवार को हराया था। तब प्रवीण सिंह ऐरन कांग्रेस में थे और अब समाजवादी पार्टी में है। उनकी पत्नी सुप्रिया ऐरन बरेली की मेयर रह चुकी है और विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुकी हैं।